ऋषिकेश गंगा आरती टेस्ट पूर्णानंद घाट जानकीपुल में विश्व प्रसिद्ध प्रथम महिला गंगा आरती में गुरु वीरेंद्र सिंह ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व में 30 सदस्य सनातन धर्म को मानने वाले और मां गंगा मैं आस्था रखने वाले कनाडा, रसिया, फ्रांस, इटली, चिल्ली, यूक्रेन और ऑस्ट्रेलिया विदेशी श्रद्धालु जन मां भगवती को स्थापित कर उत्सव मनाया।
गुरु वीरेंद्र सिंह ऑस्ट्रेलिया से लाए मां दुर्गा की मूर्ति को गंगा जी में विसर्जन करना चाहते थे लेकिन ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी के सुझाव को मान कर गंगा आरती में वैदिक मंत्रोचार के बीच मूर्ति को प्रतिष्ठा की गई।
ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने कहा मां दुर्गा को सनातन धर्म की रीढ़ नारी शक्ति है, जिनकी भक्ति से सनातनी पुरुष फल-फूल रहे, गंगा में किसी भी प्रकार पूजन सामग्री एवं कूड़ा न डालें और गंगा को स्वच्छ रखने में सहयोग करें जिससे गंगा नदी को मैली होने से बचाया जा सके।
गुरु वीरेंद्र सिंह ने ऋषिकेश गंगा आरती टेस्ट का मां दुर्गा की मूर्ति को स्थापित करने के फैसले का आभार जताया।
गुरु वीरेंद्र सिंह ने कहा कि माँं गंगा के तट पर मुझे अप्रतिम आनन्द की प्राप्ति हुई है। यहां की दिव्यता और सकारात्मक ऊर्जा से हृदय में शान्ति एवं आत्मबल का संचार हो रहा है कहा कि पूर्णानंद घाट पर गंगा आरती का बहुत ही मनोरम दृश्य होता है। आरती के दौरान, आप निश्चित रूप से अपने आप को एक और नई दुनिया में पाएंगे, जो सभी चिंताओं से मुक्त मिलती है।
महिला गंगा आरती में मुख्य रूप नेटली, मरीना, जांबो, टूटू, मारियात, डॉ. ज्योति शर्मा, सुषमा बहुगुणा, आचार्य सोनिया राज , वंदना, रीता और गायत्री आदि ने मां दुर्गा पूजन कर गंगा आरती की।