पूजा घर बनाते वक्त रखें इन बातों का ध्यान

asiakhabar.com | August 4, 2022 | 5:15 pm IST
View Details

भागदौड़ से भरे इस तनावपूर्ण जीवन में पूजा-पाठ का अहम स्थान है। वास्तु के अनुसार बनाया गया पूजा घर या
घर में रखा मंदिर, पूरे दिन के तनाव और चिंता को कुछ ही समय में शांत कर सकता है और हमारे अंदर नई
ऊर्जा भी भर देता है। लिहाजा पूजा घर बनवाते वक्त वास्तु के अनुसार कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
-पूजा घर के लिये ईशान (उत्तर-पूर्व) दिशा सबसे उपयुक्त मानी गयी है। यह दिशा उत्तर व पूर्व दोनों शुभ दिशाओं
से युक्त है। घर में पूजा घर ईशान दिशा में बनाने से सुख-समृद्धि और शांति की वृद्धि होती है।
-घर के पूजा घर में कभी स्थिर प्रतिमा नहीं लगानी चाहिये। गृहस्थ के लिये यह ठीक नहीं है। कागज की तस्वीरें
व छोटी मूर्तियां लगा सकते हैं।
-जितना संभव हो घर की रसोई और शयनकक्ष में पूजा घर नहीं बनाना चाहिए।
-पूजा घर के ऊपर या नीचे टॉयलेट नहीं होना चाहिए। और यदि संभव हो तो पूजा घर से सटा हुआ भी नहीं होना
चाहिए।
-पूजा घर का आकार पिरामिड जैसा हो तो बहुत ही लाभदायक है। साथ ही इसके दरवाजे स्वयं बन्द व खुलने वाले
नहीं होने चाहिये।
-पूजा घर के अन्दर जूते-चप्पल, झाडू बिल्कुल नहीं होने चाहिए। साथ ही किसी भी तरह की खंडित प्रतिमा भी पूजा
घर के अंदर रखने की मनाही है।
-गणेश जी की प्रतिमा पूर्व या पश्चिम दिशा में न रखकर दक्षिण दिशा में रखें। हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति
उत्तर दिशा में स्थापित करें ताकि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे। अन्य देवी-देवताओं के साथ भगवान शिव
की तस्वीर या मूर्ति रख सकते हैं।
-पूजाघर की दीवारों का रंग सफेद या हल्का पीला बेहतर रहता है। पूजाघर में सम्भव हो तो उत्तर या पूर्व की ओर
खिड़की अवश्य रखें। दरवाजा भी इसी दिशा में हो तो और अच्छा है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *