नई दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने
अस्पताल के चिकित्सकों और अन्य सदस्यों से मरीजों का शोषण करने वाले निजी प्रतिष्ठानों के
अनधिकृत लोगों (एजेंट) की एम्स परिसर में मौजूदगी की जानकारी देने का आग्रह किया है।
एम्स के निदेशक डॉक्टर एम श्रीनिवास द्वारा शुक्रवार को जारी एक परिपत्र के अनुसार, सुरक्षा
कर्मचारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे सभी लोगों को अस्पताल में पुलिस के हवाले कर दिया जाए
ताकि वे मरीजों का शोषण न कर सकें। परिपत्र में कहा गया है कि जानकारी को ईमेल भी किया जा
सकता है।
इसमें उल्लेख किया गया है कि कुछ निजी कंपनियों, अस्पतालों, प्रयोगशालाओं और रेडियोलॉजी केंद्रों
आदि से संबंधित अज्ञात और अनधिकृत व्यक्तियों को अकसर मरीजों से आर्थिक लाभ लेने के लिए
एम्स परिसर के अंदर घूमते देखा जाता है। परिपत्र में कहा गया है कि यह भी पता चला है कि वह
ओपीडी कार्ड जारी करने और प्रवेश की सुविधा प्रदान करते हैं तथा एजेंट मरीजों को प्रयोगशाला या
रेडियोलॉजी जांच के लिए निजी प्रतिष्ठानों का रुख करने के लिए कहते हैं।
परिपत्र में कहा गया है कि उनमें से कुछ दवाएं और अन्य चिकित्सकीय सामान आदि की बिक्री करते
हैं। परिपत्र के अनुसार, ऐसे सभी अज्ञात व्यक्तियों, विक्रेताओं और एजेंट को अस्पताल परिसर में
प्रवेश करने से सख्ती से रोका जाना चाहिए।
इसमें कहा गया, ”सभी चिकित्सकों, नर्स और स्टाफ सदस्यों को निर्देश दिया जाता है कि परिसर में
या अस्पताल के किसी विभाग और क्षेत्र के आसपास किसी भी अनधिकृत और अज्ञात व्यक्ति की
उपस्थिति के किसी भी संदेह पर तुरंत विशेष व्हाट्सऐप नंबर 9355023969 पर सूचित किया
जाए।” परिपत्र के अनुसार, ऐसे अनधिकृत लोगों के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति की पहचान
गोपनीय रखी जाएगी और रोगियों का शोषण रोकने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।