नई दिल्ली। पीएनबी में हुए 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पहली बार बोलते हुए कहा कि सरकार जनता के पैसे की लूट को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। पीएम ने यह भी कहा कि उनकी सरकार वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
शुक्रवार को एक अखबार के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि यह सरकार आर्थिक विषयों से संबंधित अनियमितताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर रही है और करती रहेगी। जनता के पैसे का अनियमित अर्जन, इस सिस्टम को स्वीकार नहीं होगा। यही नई अर्थव्यवस्था और नए नियमों का मूल मंत्र है।
एक अपील मैं यह भी करना चाहता हूं कि विभिन्न वित्तीय संस्थाओं में नियम और नीयत यानि एथिक्स बनाए रखने का दायित्व जिन्हें दिया गया है वे पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाएं। विशेषकर जिन्हें निगरानी और मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, मोदी ने अपने संबोधन में पीएनबी घोटाले या नीरव मोदी का नाम नहीं लिया। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेता इस घोटाले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर लगातार सवाल उठा रहे थे।
अब भारत के साथ चलना चाहती है दुनिया-
मोदी ने कहा, ‘चार साल पहले पूरी दुनिया में जब भारत की अर्थव्यवस्था की चर्चा होती थी, तो कहा जाता था फ्रेजल (बेहद कमजोर) फाइव। आज फ्रेजल फाइव की नहीं, भारत के फाइव ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की चर्चा होती है। अब दुनिया भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है।’
दुनिया की जीडीपी में बढ़ा भारत का हिस्सा प्रधानमंत्री ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि भारत आज पूरी दुनिया की वृद्धि में किस तरह प्रमुख भूमिका निभा रहा है। 2013 में दुनिया की जीडीपी में भारत का हिस्सा 2.4 फीसद था जो 2017 तक बढ़कर 3.1 फीसद हो गया है।
मोदी ने कहा कि यह बदलाव नए दृष्टिकोण और नई कार्य संस्कृति की वजह से आया है। उन्होंने कहा कि पहले जीएसटी एक संभावना थी, अब एक वास्तविकता है। साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा किए गए कई अन्य सुधार भी गिनाए।
विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा भारी निवेश-
ढांचागत क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं में आई तेजी का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गति, मानदंड और संवेदनशीलता सरकारी योजनाओं की सफलता के लिए बेहद जरूरी हैं। आज बुनियादी ढांचा क्षेत्र, कृषि, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व निवेश हो रहा है।
फिर एक साथ चुनाव की वकालत-
नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस तरह के कार्यक्रमों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का जो सकारात्मक आर्थिक प्रभाव देश पर पड़ेगा, उसकी भी चर्चा होनी चाहिए।’