चौहान ने अफ्रीकी.एशियाई ग्रामीण विकास संगठनकी कार्यकारी समिति के 77वें सत्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया

asiakhabar.com | February 19, 2025 | 5:14 pm IST

नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अफ्रीकी-एशियाई ग्रामीण विकास संगठन (AARDO) की कार्यकारी समिति के 77वें सत्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व बंधुत्व में विश्वास करने वाला देश है एवं हम सभी प्राणियों में सदभाव एवं विश्व कल्याण की भावना रखते हैं। भारत वसुधैव कुटुम्‍बकम में विश्वास करता है, यह हमें अपने घरों व अपने समुदाय, अपने देशों, अपने ब्रह्मांड से दूर जाने और पूरे ब्रह्मांड को एक परिवार के रूप में मानने के लिए कहता है। हमारे ऋषियों ने भी कहा है कि केवल हम ही नहीं बल्कि सब सुखी, निरोग व सबका मंगल हो और सबका कल्याण हो इसी भाव को भारत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपनी धरती पर उतारने की कोशिश कर रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि दुनिया का बहुत बड़ा हिस्सा अभी भी गांव में बसता है। भारत में भी बहुत बड़ा हिस्सा गांव में बसता है। जब तक गांव की प्रगति नहीं होगी तब तक किसी भी देश की प्रगति विशेषकर अफ्रीकी और एशिया के देशों में। मैं AARDO का धन्यवाद देना चाहता हूं तो ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए सामूहिक समर्पण को दर्शाता है। जो हमारे क्षेत्रों में ग्रामीण समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए सामूहिक समर्पण को दर्शाता है। परिवर्तनकारी समाधान तलाशने और मजबूत साझेदारी को बढ़ावा देने के प्रति आपकी प्रतिबद्धता, एकता और प्रगति के लिए दक्षिण-दक्षिण और त्रिकोणीय सहयोग की भावना का प्रमाण है, जो AARDO को परिभाषित करता है और भारत के लिए भी एक मंत्र है। कार्यकारी समिति की बैठक का 77वां सत्र निश्चित रूप से आगामी मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के लिए आधार बनेगा, जब AARDO अपने विविध कार्यक्रमों का विश्लेषण करेगा और एक और महत्वाकांक्षी त्रिवर्षीय अवधि 2025-2027 पर विचार करेगा जिसमें AARDO के कार्यनीतिक ढांचे का व्यापक मध्यावधि मूल्यांकन और समीक्षा शामिल होगी।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, हम हरित क्रांति जिससे कृषि उत्पादकता में सकारात्मक परिवर्तन हुए और एकीकृत कार्यक्रम जो ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका, रोजगार और आधारभूत अवसंरचना में सुधार पर केंद्रित थे जैसे साहसिक कदमों के साथ आगे बढ़े हैं। अब हम अन्‍न के उत्‍पादन में ना सिर्फ आत्‍मनिर्भर है अपितु हम अन्‍य देशों को भी खाद्य प्रदार्थों का निर्यात कर रहे हैं। हमारे गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम जैसे कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य विभिन्न सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के कल्याण और उत्थान को बढ़ावा देना है। इन कार्यक्रमों ने स्वरोजगार, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास को बढ़ावा देकर अनगिनत परिवारों को सशक्त बनाया है। इस योजना के तहत अब तक विभिन्‍न हस्‍तक्षेपों के माध्‍यम से 10 करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाओं तक पहुंच बनाया है और इन्‍हें 90 लाख से अधिक स्‍वयं सहायता समूहों में संगठित किया गया है और उन्‍हें 50 हजार करोड़ रूपये से अधिक की पूंजीकरण सहायता प्रदान की गई है एवं 10.05 लाख करोड़ रूपये का बैंक लिंकेज भी प्रदान किया गया है। इस योजना की एक उप योजना र्स्‍टाटअप विलेज इंटरप्रेन्‍योरशिप प्रोग्राम के तहत 4.40 करोड़ महिला किसानों और 3.30 लाख उद्यमों को समर्थन दिया है।


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