अशोक कुमार यादव मुंगेली
देवों के देव महादेव, करुणानिधि, मंगलकारी।
कोमल हृदय, अति दयालु, शिव कल्याणकारी।।
पतितों के दु:खहर्ता, सुखकर्ता रूद्र रूप उदार।
अनादि विधाता, महाकाल, आदिदेव अवतार।।
जगतपिता, सौम्य रूप, स्मृति अंतर्यामी परमेश्वर।
सृष्टि निर्माता, विश्वरक्षक, देव दीर्घकाय सर्वेश्वर।।
जटा धूम्राभ चिन्ह स्याह कच व्योमकेश अमृतेश।
कलानिधि भाल शोभित मनवश शशिधर महेश।।
कल्याणी गंगा विराजमान जटाशिखर गंगाधर।
ध्यान-योग त्रिनेत्र त्रिलोचन कर्तव्यबोध संसार।।
त्रिपुंड तिलक माथ शक्ति,त्रिलोक्य,त्रिगुण प्रतीक।
स्वर्ण कर्ण कुण्डल, ग्रीवा रुद्राक्ष माला माणिक।।
वासुकि कंठहार भूषण कुंडलिनी शक्ति नागेश्वर।
वाद्ययंत्र हस्त डमरू नादघोष संगीत जनक ईश्वर।।
आनंद और प्रचंड तांडव द्वौ श्रेष्ठ नर्तक नटराज।
भवरेंदु चक्र अंगुल अस्त्र पिनाक धनुष अक्षराज।।
विमोहन,मोह मुक्ति, निस्सार बोध, धारण भस्मांग।
वृषभ वाहन धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रचना सर्वांग।।
जय हो!अर्धनारेश्वर,नीलकंठ,पशुपतिनाथ कैलाशी।
वैद्यनाथ, मदनारि, भोलेनाथ, आशुतोष, अविनाशी।।