कर्नाटक : प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में से एक एलएंडटी फाइनेंशियल सर्विसेज (LTFS) अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहल के तहत कर्नाटक के तुमकुर जिले में स्थित पवागडा तालुक में प्रोजेक्ट प्रकृति के तहत वृक्षारोपण कर रही है. इस परियोजना के तहत किसानों की 140 एकड़ जमीन पर 50,000 से अधिक पौधे सफलतापूर्वक लगाए हैं. अनार, आम, मौसम्बी, नारियल, महोगनी, चंदन, सुपारी जैसे पौधों को किसानों के लिए आय का अतिरिक्त स्रोत प्रदान करने के लिए उगाया जाता है. यह वृक्षारोपण जैव विविधता का संतुलन बहाल करने, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार लाने और कटाव को कम करने में मदद करेगा. एलटीएफएस ने इस पहल की शुरुआत बेंगलुरू स्थित एनजीओ आह्वान फाउंडेशन के साथ मिलकर की है.
एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ दीनानाथ दुभाषी ने इस अवसर पर कहा, “ईएसजी संचालित संगठन के रूप में हम समझते हैं कि उचित नैतिक, पर्यावरणीय और सामाजिक जिम्मेदारी लाभप्रदता और भविष्य की टिकाऊ वृद्धि के लिए सही मायने में सक्षम है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए, प्रोजेक्ट प्रकृति जैसी सीएसआर पहल के माध्यम से हम उन ग्रामीण समुदायों के लिए समावेशी सामाजिक परिवर्तन लाना चाहते हैं, जिनकी हम सेवा करते हैं. उनके लिए स्थायी आजीविका के अवसरों का पोषण और निर्माण करना चाहते हैं. प्रोजेक्ट प्रकृति के माध्यम से हम ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम किसानों तक भी पहुंच बना रहे हैं और हमें विश्वास है कि हमारी पहल से उनकी आय में महत्वपूर्ण वृद्धि करने में मदद मिलेगी, क्योंकि लगाए गए सभी पौधे उच्च गुणवत्ता वाले हैं. ये अगले 10-15 वर्षों तक उन्हें और उनके परिवारों को लाभान्वित करेंगे.”
परियोजना का दूसरा साल अगले वित्तीय वर्ष से शुरू होगा. दूसरे साल में एलटीएफएस कृषक समूहों के साथ किसानों की सामूहिकता, बेहतर खेती के लिए प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण, पौधों की छंटाई, बैकवार्ड व फॉरवार्ड लिंकेज आदि के जरिए क्षमता का निर्माण करने के लिए काम करेगा.
आह्वान फाउंडेशन के सीईओ ब्रज किशोर प्रधान ने कहा, “हम एलटीएफएस के साथ इस भागीदारी से खुश हैं. हमारा मानना है कि किसानों को सशक्त बनाने के अलावा यह भागीदारी वैश्विक जलवायु संकट के मौजूदा समय में प्रकृति को बेहतर बनाएगा और खेती के महत्व को पुन: स्थापित करेगा. एलटीएफएस के साथ मिलकर हम पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास पर विशेष ध्यान देने के साथ वंचित व हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.”