बीकानेर। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ऊंटगाड़ी पर बैठकर बॉर्डर के
पास बीकानेर के गांवों की सड़कों पर सफर किया। खेत खलिहान देखे और किसानों का हाल चाल
पूछे। पीएम मोदी के आह्वान पर बीजेपी को बॉर्डर इलाके के लोगों से जोड़ने के लिए चलाए गए
वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज प्रोग्राम के तहत यह दौरा रहा। सतीश पूनिया ने ऊंट गाड़ी पर सवारी के दौरान
युवा राजेंद्र से बातचीत की। जिसने बताया कि प्रदेश में परीक्षाओं के पेपर लीक के कारण उन्हें बहुत
तकलीफ है। उन्होंने ऊंट गाड़ी वाले और युवा राजेंद्र से रास्ते में काफी देर बातचीत की। इलाके की
कठिनाइयों और नई पीढ़ी के सामने चुनौतियों को समझा।
पूनिया ने वीडियो संदेश में कहा कि इस युवक राजेंद्र को भी रीट की चीट की तकलीफ है। बॉर्डर के
गांव के व्यक्ति को भी बेरोजगारी और पेपर लीक की तकलीफ है। हालांकि रेतीली माटी की खूबी है
कि यहां के लोग प्रतिकूल परिस्थिति में भी यहां रहते हैं। सतीश पूनिया बोले कि ऊंट दुनिया में ऐसा
प्राणी है, जो संयम के साथ चुनौतियों का सामना करता है। इसे रेगिस्थान का जहाज कहा जाता है।
अच्छी बात यह है कि किसान भाई आज भी इसका इस्तेमाल करते हैं। सतीश पूनिया ने आज की
सर्द रात सीमावर्ती गांव बीकानेर के कालूवाला में गुजारी। तो सुबह उठकर खेत-खलिहान में भी पहुंचे
और किसानों से संवाद किया। किसान अल्केश ने बताया कि सरसों की फसल कड़ाके की सर्दी के
कारण पूरी तरह खराब हो चुकी है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा कि मेरा आग्रह है कि ठंड के
कारण फसल खराबे से किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसकी सुध प्रशासन और सरकार को लेनी
चाहिए। गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा जरूर देना चाहिए।