सतना/नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों
की सरकार है। हमारी सरकार ने गरीबों को केवल चारदीवारी वाला घर नहीं दिया, बल्कि शौचालय,
बिजली, पानी जैसी समस्त सुविधाओं वाला घर देने का काम किया। पहले की सरकारों की गलत
नीतियों की वजह से मजबूरी में आवासहीनता अगली पीढ़ियों को सौंपनी पड़ती थी, लेकिन हमारा
सौभाग्य है कि हमारी सरकार को इस कुचक्र से लोगों को बाहर निकालने का मौका मिला। पहले की
सरकारों में प्रक्रिया पूरी करने दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, रिश्वत देनी पड़ती थी। जिसका घर
उसकी पसंद, परंपरा का कोई महत्व नहीं रह जाता था। घर थोड़े बहुत बने भी तो गृह प्रवेश नहीं हो
पाता था, लेकिन हमने इस स्थिति को बदला है।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को सतना में आयोजित गृह प्रवेशम कार्यक्रम को दिल्ली से वर्चुअली
संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में धनतेरस के मौके पर मप्र के 4.51 लाख परिवारों को
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए नये घरों में गृह प्रवेश कराया। कार्यक्रम में उन्होंने
धनतेरस और दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह अवसर नई शुरुआत का होता है। हम
घर में कुछ नया करते हैं। कुछ नया जोड़ते हैं। नया संकल्प लेकर नयापन लाकर सुख-समृद्धि के
लिए नए द्वार खोलते हैं। मप्र के साढ़े 4 लाख लोगों के लिए यह अवसर नया सवेरा लाया है। पहले
धनतेरस सिर्फ उनके लिए थी, जिनके पास पैसे होते थे, लेकिन आज मप्र के गरीब भी धनतेरस पर
गृह प्रवेश कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं तकनीकी के माध्यम से सामने बैठे असीम आकांक्षाओं वाले चेहरे देख पा
रहा हूं। पहले आकांक्षाएं आ ही नहीं पाती थीं, चेहरे मुरझा जाते थे। आज का अवसर सिर्फ गृह प्रवेश
का नहीं, बल्कि नए सपने शुरू करने का है। ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि साढ़े 3 करोड़ लोगों
के सपने पूरे कर पा रही है। हमारी सरकार हर गरीब की जरूरत, उसके मन को समझती है।
शौचालय, बिजली, पानी सब कुछ देती है। हमारी अलग-अलग योजनाएं सभी जरूरतों को पूरा करती
है।
उन्होंने कहा कि सतना से बेहतर कौन समझ सकता है। सतना को पहले चूना पत्थर और सीमेंट के
लिए जाना जाता है। घर बनते हैं तो सतना की सीमेंट लगती है। मप्र में 22 हजार करोड़ रुपए घर
बनाने में खर्च हुए हैं। यह रकम अलग-अलग कामों में लगी। ये घर सबको तरक्की देते हैं, जिन्हें घर
मिलते हैं, उनकी और जिस गांव में मिलता है, उस गांव की भी तरक्की होती है। पहले की सरकारें
गरीबों को तरसाती थीं। आज हम जनकल्याण की हर योजना का लाभ शत प्रतिशत दे रहे हैं। कोई
भाई-भतीजावाद नहीं चल रहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि भी किसान के लिए वरदान साबित हो रही है।
इसके तहत 16 हजार करोड़ सीधे किसानों के खाते में पहुंचे। मनरेगा, मातृ वंदना के पैसे सीधे खाते
में पहुंच रहे हैं। कोई कितनी भी हमारी आलोचना करे, लेकिन हम गरीबों के हित की भावना से काम
कर रहे हैं। देशभर में प्रधानमंत्री किसान समृद्धि सेंटर के रूप में दुकानों को विकसित किया जाएगा।
यहां ड्रोन भी किराए पर मिलेंगे। यूरिया हम 266 रुपये में दे रहे हैं, जबकि उसकी कीमत 2 हजार
है। अब हर खाद भारत नाम से मिलेगी, कीमत भी लिखी है। उसमें लिखी कीमत से ज्यादा किसी
किसान को देने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश की बहुत बड़ी आबादी मूल सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही थी। उसके पास
किसी और काम की फुर्सत नहीं थी। इसीलिए गरीबी हटाने के सब वादे झूठे थे। सेनापति के पास
संसाधन नहीं होंगे तो वो क्या लड़ेगा। हमने इस पर ही फोकस किया। आपका घर एक ऐसा किला है,
जो गरीबी को घुसने नहीं देगा। जो बची भी होगी, उसे भी भगा देगा। वैश्विक महामारी में किसी को
भुखमरी का सामना न करना पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार 3 लाख करोड़ से ज्यादा खर्च कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि जब टैक्स पेयर का पैसा सब तक पहुंचता है, तो वह भी खुश और संतुष्ट होता है।
आज वो संतुष्ट हैं कि उसने कोरोना काल में मदद कर कितना बड़ा काम किया है, लेकिन जब वही
टैक्सपेयर यह देखता है कि उससे वसूले पैसे से मुफ्त की रेवड़ी बांटी जा रही है तो वह दुखी होता है।
आज खुशी की बात है कि टैक्स पेयर्स का बड़ा वर्ग मुझे पत्र लिखता है। करीब 4 करोड़ गरीब
आयुष्मान में मुफ्त इलाज ले चुके हैं। सरकार ने हजारों करोड़ खर्च किए कि गरीब और मिडिल
क्लास को परेशान न होना पड़े, कर्ज न लेना पड़े। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी
संबोधित किया।