नई दिल्ली। कुछ गैर सरकारी संगठनों के परिसरों पर आयकर विभाग की
छापेमारी के एक दिन बाद ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने कहा कि यह इस बात का एक और ‘‘स्पष्ट’’
उदाहरण है कि कैसे जांच एजेंसियों को स्वतंत्र लोगों तथा अलोचना करने वालों को परेशान करने
तथा डराने-धमकाने के लिए ‘‘हथियार’’ बनाया गया है।
‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने कहा कि भारतीय अधिकारियों को इन ‘‘दमन की रणनीति’’ को तुरंत रोकना
चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नागरिक संगठन देश में प्रतिशोध की कार्रवाई के डर के
बिना काम कर पाएं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग ने कथित कर चोरी, विदेशी अंशदान (विनियमन)
अधिनियम के उल्लंघन और पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के धन के अवैध लेन-देन के
अलग-अलग मामलों में बुधवार को विभिन्न राज्यों में छापेमारी की थी।
‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ की दक्षिण एशिया क्षेत्रीय निदेशक यामिनी मिश्रा ने कहा, ‘‘ कई नागरिक
संस्थाओं के खिलाफ आयकर विभाग के छापे जिन्हें एक‘‘सर्वेक्षण’’ बताया गया है यह इस बात का
एक और स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे देश में आलोचना करने वालों की आवाज दबाने, उन्हें परेशान
करने, डराने के लिए सरकार की वित्तीय व जांच एजेंसियों को हथियार बनाया गया है।’’
मिश्रा ने एक बयान में कहा, ‘‘ यह चिंताजनक है कि भारत में प्राधिकरण द्वारा अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता के अधिकारों पर हमले हर दिन कैसे बिना रोक-टोक बढ़ते जा रहे हैं।’’