नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश भर की यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पढ़ा रहे शिक्षकों की आधार कार्ड के जरिए पहचान सुनिश्चित करने का अभियान चलाया था।
इस अभियान से जो आंकड़े सामने आए हैं, वो वाकई चौंकाने वाले हैं। क्योंकि इसके जरिए देश की यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में 80 हजार ऐसे शिक्षकों का पता चला है, जिनका वजूद ही नहीं है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने नेशनल टीचर्स पोर्टल ‘गुरुजन’ की लॉन्चिंग और शिक्षकों की पहचान को लेकर किए गए सर्वे के बारे में जानकारी देते हुए ये बड़ा खुलासा किया।
प्रकाश जावड़ेकर ने एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ ऐसे फर्जी शिक्षक हैं, जो छद्म तरीका अपनाते हैं और कई जगहों पर पूर्णकालिक पढ़ा रहे हैं। आधार वेरीफिकेशन शुरू होने के बाद ऐसे 80 हजार शिक्षकों की पहचान उजागर हुई और अब उनके खिलाफ कार्रवाई पर विचार हो रहा है। उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी केन्द्रीय विश्विवद्यालय में फर्जी शिक्षकों की पहचान नहीं हुई है, लेकिन कुछ राज्य और निजी विश्वविद्यालयों में ऐसे शिक्षक हैं।
‘गुरुजन’ पर मिलेगी गुरुओं की जानकारी-
इस पोर्टल पर उन शिक्षकों की जानकारी मिल जाएगी जिनकी जानकारी ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन के दौरान इकठ्ठा की गई थी। मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की मानें तो-“अभी तक केवल 85 फीसद टीचर्स ने ही अपना आधार नंबर दिए हैं और इसी दौरान मंत्रालय को अस्सी हजार ऐसे प्रकरण मिले, जिसमें एक लेक्चरर बतौर कर्मचारी एक से ज्यादा शिक्षण संस्थाओं में जुड़ा पाया गया। कई केसों में तो एक ही शिक्षक चार संस्थाओं में नौकरी करते पाया गया है।”
देश के उच्च शिक्षण संस्थाओं में लगभग 15 लाख शिक्षक हैं, जिसमें से मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अब तक 12.68 लाख शिक्षकों की प्रोफाइलिंग कर ली है।