मल्टीमीडिया डेस्क। भारत-इजरायल की दोस्ती को मजबूती देने के इरादे से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 6 दिनों की भारत यात्रा पर आए हैं। आज पीएम नेतन्याहू पीएम मोदी के साथ अहमदाबाद में है। यहां वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बनासकांठा जिले के सुइगाम तालुका में मोबाइल वाटर डिसैलिनेशन जीप देंगे।
ये मशीन पानी के खारेपन को दूर करने में बड़ी कारगर है और ये वही जीप है, जिसकी प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इजरायल दौरे पर सवारी की थी।
ऐसे दूर होता है पानी का खारापन-
गुजरात के छोटे से गांव को पानी का खारापन दूर करने के लिए मिल रही ये टेक्नोलॉजी बेहद खास है। खुद नेतन्याहू ने पीएम मोदी को पिछले साल उनके इजरायल दौरे पर खारे पानी को साफ करके दिखाया था। इस टेक्नोलॉजी को ‘गैलमोबाइल'( GalMobile) कहा जाता है और ये समुद्र के खारे पानी को साफ करने का चलता-फिरता विलवणीकरण संयंत्र है। जो पानी के खारेपन को दूर कर इसे पीने लायक बना देता है। खुद पीएम मोदी ने भी अपने इजरायल दौरे पर इससे साफ हुआ पानी पीकर देखा था।
ऐसे काम करती है ये मशीन-
इस तकनीक पर इजरायल की कंपनी गैल वाटर टेक्नोलॉजी का पेटेंट है। साल 2015 में इस कंपनी ने पानी को साफ करने का ये अनोखा प्यूरीफिकेशन सिस्टम शुरू किया था, जो दुनिया में अपनी तरह का इकलौता है। एक दिन में ये मोबाइल प्लांट बीस हजार लीटर समुद्र के खारे पानी को साफ कर सकता है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के पैमाने के मुताबिक 80 हजार लीटर से ज्यादा काले, मटमैले और गंदे पानी को पीने लायक बनाने की क्षमता है।
ऐसे में इजरायल जैसे देश जहां पानी की भारी किल्लत है, वहां ये मशीन आपात स्थिति में गांवों, कस्बों की प्यास बुझाने में अहम रोल निभा रही है। वहीं अपनी जरुरतें पूरी करने के साथ ही इजरायल इस मशीन से साफ किए गए पानी को दूसरे मुल्कों को भी सप्लाय कर रहा है।
इस मशीन का सिर्फ एक ही उदेश्य है, लोगों को कहीं भी, कभी भी साफ पानी पिलाया जा सके, फिर चाहें गंदे पानी का ही क्यों न इस्तेमाल करना पड़े। इस मशीन की कीमत तकरीबन 75 लाख रुपए है।
इन मौकों पर आ सकती है काम-
खारे पानी को साफ करने की इस चलती-फिरती मशीन का इस्तेमाल बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में किया जा सकता है। वहीं दूर-दराज के उन इलाकों में भी इसके जरिए साफ पानी पहुंचाया जा सकता है, जहां पीने के शुद्ध पानी की किल्लत है। वहीं ये मशीन दुर्गम पहाड़ी इलाकों में तैनात सेना की प्यास बुझाने के भी काम आ सकती है।
भारत में पानी की किल्लत को ऐसे दूर कर सकती है-
भारत जैसे देश में जहां बहुत बड़ी आबादी को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता है, देश की ज्यादातर नदियां फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी से प्रदूषित हो चुकी है। वहीं पानी के बंटवारे को लेकर कई राज्यों में मतभेद हैं और बढ़ती आबादी की प्यास बुझाना एक चुनौती है।
ऐसे में इजरायल की ये तकनीक बेहद कारगर साबित हो सकती है, क्योंकि देश के कई राज्य समुद्र किनारे ही बसे हैं। ऐसे में समुद्र के खारे पानी को इस तकनीक के सहारे साफ करने बड़ी आबादी की प्यास बुझाई जा सकती है।