रांची। झारखंड के गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड के कोरटा गांव की शांति देवी की 25 साल पहले मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद भी उनके खाते में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन की राशि लगातार आती रही और उसकी निकासी भी होती रही। यह राशि कोई और नहीं, बल्कि उनकी ही सौतन प्रेमन कुंवर निकालती रही।
उसने शांति देवी के खाते में फर्जी फोटो चस्पा कर जालसाजी की। यहां तक कि बाद में आधार नंबर को भी गलत तरीके से अपग्रेड कर वह पेंशन लेती रही। दोनों स्वर्गीय मुटूर महतो की पहली व दूसरी पत्नी थीं। इसका पर्दाफाश तब हुआ, जब कुछ माह पूर्व ही प्रेमन कुंवर की भी मौत हो गई।
प्रेमन कुंवर की मौत को भूख से मौत बताया गया था। इसके बाद जब विस्तृत जांच की गई तो यह राज सामने आया। जांच में यूआइडी टीम ने बताया कि प्रेमन कुंवर के आधार नंबर को ही शांति देवी के नाम से अपग्रेड कराया गया था। इसी के आधार पर शांति देवी को मिलनेवाला लाभ वह ले रही थी। जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी गढ़वा के डीसी को जांच का आदेश दिया है।
प्रेमन की भूख से मौत की जांच में खुला राज
प्रेमन कुंवर की मौत के मामले की जांच के लिए गढ़वा के उपायुक्त ने गढ़वा के उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक जांच दल गठित किया था। वहीं गढ़वा के जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने भी जांच की थी। जांच में इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ।
जांच में क्या-क्या आया सामने
– प्रेमन कुंवर के शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड ने किया था। उसके अमाशय में 300 एमएल डाइजेस्टिव लि-डि फूड मिला था।
– प्रेमन कुंवर को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन का लाभ बैंक खाता के माध्यम से मिलता था। अगस्त व सितंबर -2017 की राशि जो आधार आधारित डीबीटी के माध्यम से भुगतान की गई थी, वह शांति देवी के खाते में जमा हुई। शांति देवी व प्रेमन कुंवर के बैंक खाते में एक समान तस्वीर व आधार संख्या पाई गई।
– 25 साल पहले जिस शांति देवी की मौत हो गई थी उसके खाते से 06 नवंबर, 2017 को 30 हजार रुपये की निकासी की गई। दोनों खातों के बैंक दस्तावेज में स्पष्ट हुआ कि दोनों खातों का संचालन एक ही महिला प्रेमन कुंवर कर रही थी। शांति देवी के नाम से खुले बैंक खाते में 3458 रुपये अब भी शेष हैं।