फतेहपुर। उप्र के फतेहपुर स्थित मलवां विकास खंड के छोटे से गांव यादगारपुर के मजरे दलाबलाखेड़ा में चाय की दुकान चलाने वाले किसान रूपनारायण सिह ने दो साल पहले रेडियो में पीएम की “मन की बात” सुनी तो अपने मन की बात उन तक पहुंचाने की ठान ली। आठ माह में 151 फीट लंबा पत्र तैयार कर वह दो जनवरी को संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। उन्होंने उनकी मेहनत और भावनाओं की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने रूपनारायण को गले लगा कर कहा कि मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है। रूपनारायण के लिए यह जिंदगी का सबसे अनमोल पल था। वह कहते हैं कि पीएम ने जब गले से लगाया तो लगा कि दुनिया का सबसे बड़ा तोहफा मिल गया। शुक्रवार को गांव लौटे रूपनारायण का जोरदार स्वागत हुआ।
रूपनारायण हाईवे किनारे चाय की दुकान चलाते हैं। पीएम के लिए पत्र तैयार करने के लिए उन्होंने मोटे चार्ट पेपर का प्रयोग किया। इस गोटेदार पत्र में उन्होंने केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, राष्ट्र निर्माण और सबका साथ-सबका विकास की सोच के लिए बधाई देने के साथ गांव स्तर पर आने वाली दिक्कतों का जिक्र भी किया है। 50 वर्षीय रूपनारायण हाईस्कूल पास हैं। वह बताते हैं, चाय की दुकान चलाने के दौरान बचने वाला वक्त और रात का समय वह पत्र तैयार करने में देते थे।
गांव से भ्रष्टाचार मिटाने का संकल्प-
पीएम से मिलकर शुक्रवार को गांव लौटे रूपनारायण ने गांव वालों को संकल्प दिलाया कि पुलिस व सरकारी योजनाओं में किसी को रिश्वत नहीं देंगे।
प्रधानमंत्री से ऐसी रही मुलाकात-
संसद भवन में मैं उधेड़बुन में था कि पीएम मिलेंगे तो क्या कहूंगा और वह क्या कहेंगे। इतने में नंबर आ गया। सांसद साध्वी निरंजन ज्योति के साथ पत्र लेकर आगे बढ़ा। मुझे देखते ही पीएम बोले, यह क्या है। सांसद ने बताया कि यह मेरे क्षेत्र में चाय की दुकान चलाने वाला किसान है। आठ माह की मेहनत से तैयार बधाई पत्र आपको भेंट करने आया है।
पत्र देखते ही पीएम बोले-भाई, आपने बहुत मेहनत की। मैंने कहा कि आप राष्ट्र के लिए दिन-रात काम करते हैं तो आपके लिए क्या इतना भी नहीं कर सकता। पीएम ने पूछा-क्या लिखा है। मैंने बताया- साहब आपकी योजनाओं से गरीब, बेसहारा, किसानों में बेहतरी की आस जगी है। नोटबंदी के बाद से भ्रष्टाचार कम हुआ है। पीएम बोले-बहुत अच्छी राइटिग है। मैंने कहा-साहब आपका आशीर्वाद चाहिए। इतना कहते ही उन्होंने मुझे गले लगा लिया।