नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज ने आरएसएस को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है जिसके बाद नई बहस शुरू हो सकती है। प्रीम कोर्ट के पूर्व जज केटी थॉमस ने कहा है कि संविधान और सेना के बाद केवल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ही है, जो भारतीयों की रक्षा में सक्षम है। केटी थॉमस ने यह बात केरल के कोट्टायम में आरएसएस के एक ट्रेनिंग कैंप को संबोधित करते हुए कही।
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अगर किसी संस्था को इमरजेंसी के बाद देश को स्वतंत्र कराने का श्रेय दिया जा सकता है तो वह है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। कोई पूछता है कि देश के लोग सुरक्षित क्यों हैं तो मैं कहना चाहूंगा कि यहां संविधान है, लोकतंत्र है, सेना है और किस्मत से आरएसएस है। इतना ही नहीं, देश को इमरजेंसी के चंगुल से छुड़ाने का श्रेय भी आरएसएस को जाता है।
वह बोले-इमरजेंसी के खिलाफ संघ का मजबूत और सुसंगठित काम तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक भी पहुंचा। वह समझ गईं कि इमरजेंसी को लंबे समय तक नहीं चलाया जा सकता।
उन्होंने कहा कि संविधान में पंथनिरपेक्षता को परिभाषित नहीं किया गया है। थॉमस ने कहा कि संघ देश की रक्षा के लिए अपने कार्यकर्ताओं को अनुशासित करता है। उन्होंने कहा, संघ की इस शिक्षा और मत की मैं प्रशंसा करता हूं कि शारीरिक ताकत का मतलब हमले से खुद की रक्षा करना है।
2002 में हुए रिटायर
थॉमस 1996 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए थे और 2002 में रिटायर हुए। इन दिनों वह कोट्टायम जिले के मुत्ताबलम में रह रहे हैं। 2007 में उन्हें न्यायिक सेवाओं में बेहतरीन कार्य करने के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। थॉमस उस समय सुर्खियों में आए जब उनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने राजीव गांधी हत्याकांड में दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी।