वैश्विक स्तर पर मातृभाषा भोजपुरी की लहर : सुनील चौरसिया

asiakhabar.com | February 22, 2025 | 4:47 pm IST

पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय गांगरानी, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का भव्य आयोजन हुआ जिसमें शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर शिरकत की। प्रार्थना सभा में प्रज्ञा पांडेय, सना परवीन, अंकित सिंह, मंजरी राजपूत, राजवीर श्रीवास्तव, श्रेया गोंड, अंशिका गौड़ इत्यादि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के द्वारा मातृभाषा भोजपुरी में बहुत ही प्रेरक नाटक का अभिनय किया गया जिसे सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने तालियां बजाकर सराहा। सुनील चौरसिया, स्नातकोत्तर शिक्षक (हिंदी) ने शिक्षकों एवं शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि मातृभाषा सिर्फ भाषा नहीं अपितु भाव होती है जो किसी भी विषय को सहज, सरस एवं बोधगम्य बना देती है। उन्होंने हिंदी भाषा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हिंदी के अंतर्गत 18 बोलियां बोली जाती हैं जिन्हें पांच उपभाषाओं में विभाजित किया गया है। जैसे- पश्चिमी हिंदी; जिसके अंतर्गत ब्रजभाषा, बुंदेली, कन्नौजी, कौरवी अर्थात् खड़ी बोली, हरियाणवी तथा दक्खिनी बोलियां बोली जाती हैं। हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक पंडित राहुल सांकृत्यायन ने खड़ी बोली को कौरवी कहा है। पूर्वी हिंदी के अंतर्गत अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी बोलियां लोक प्रिय हैं। मगही, मैथिली और भोजपुरी बिहारी हिंदी के अंतर्गत आती हैं। उन्होंने बताया कि मातृभाषा भोजपुरी का वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान है। भारत के साथ-साथ मॉरीशस, फिजी त्रिनिदाद, नेपाल इत्यादि देशों में भोजपुरी की लहर है। पहाड़ी हिंदी के अंतर्गत कुमाऊनी और गढ़वाली बोली जाती हैं। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सुनील चौरसिया ने बताया कि राजस्थानी हिंदी को चार भागों में बांटा गया है- पूर्वी राजस्थानी जिसे जयपुरी कहते हैं, पश्चिमी राजधानी जिसे मारवाड़ी कहते हैं, उत्तरी राजस्थानी जिसे मेवाती कहते हैं तथा दक्षिणी राजस्थानी को मालवी कहते हैं।
इन सभी मातृभाषाओं का अपना महत्व है जिनका व्यवहारिक जीवन में सम्मान सहित उपयोग होना चाहिए।
कक्षा नौवीं का छात्र अनिकेत शुक्ला के द्वारा मातृभाषा भोजपुरी के संदर्भ में बहुत ही ज्ञानवर्धक भाषण दिया गया जिससे पूरा विद्यालय परिवार लाभान्वित हुआ।
अंत में प्रभारी प्राचार्य आर.सी. तिवारी ने विद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस एवं भोजपुरी के महत्व पर प्रकाश डाला। सुनील चौरसिया सावन ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया।


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