केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए आठवें वेतन आयोग की स्थापना की थी।

asiakhabar.com | February 2, 2025 | 4:41 pm IST

नई दिल्ली। नेशनल ह्यूमन राइट्स कॉउन्सिल महासचिव डॉ. राजेश शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि सरकार सरकारी कर्मचारियों का विशेष ध्यान रखती है, महंगाई बढ़ने पर समय-समय पर उनके वेतन में बढ़ोतरी करती है और अब आठवें वेतन आयोग को हरी झंडी देकर सरकार ने इस वर्ग के लिए अच्छे दिन लाने की राह आसान कर दी है, यानी यह उनके लिए सोने पर सुहागा है। लेकिन सरकारी कर्मचारियों की गुणवत्ता और सुधार उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने से नहीं होगा बल्कि यह शत-प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों में देश और समाज के प्रति सेवा की भावना विकसित करने से होगा क्योंकि अभी भी भारी भरकम वेतन लेने वाले लोग भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए हैं, वे अपने काम के प्रति लापरवाह हैं और आम लोगों को परेशान करते हैं। लगभग सभी सरकारी कर्मचारी गरीब और अशिक्षित लोगों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं करते हैं। शर्मा ने कहा कि आठवें वेतन आयोग को सबसे पहले सभी सरकारी विभागों के रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए और देखना चाहिए कि किस विभाग ने आम लोगों को परेशान किया है, किस विभाग में सबसे ज्यादा शिकायतें हैं। यह बहुत जरूरी है। देश में सरकारी कर्मचारियों की स्थिति को सुधारना है तो सरकारी विभागों में लापरवाही, भ्रष्टाचार और अन्य भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे, अन्यथा सरकारी कर्मचारी नौकरी और वेतन के लिए जनता को परेशान करते रहेंगे। महासचिव ने कहा कि वेतन वृद्धि से सरकारी कर्मचारियों की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा बल्कि सेवा की भावना विकसित करना आवश्यक है,उन्होंनें कहा कि यह मुद्दा प्रशासनिक सुधार और सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहलू है।


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