नई दिल्ली : गांधी जयंती के मौके पर दक्षिणी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान के खिलाफ़ ट्रांसजेंडर्स ने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। किन्नर समुदाय के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस कर्मी अपने कार्यालयों में कमरे में दुबक गए। मामला यह हैं की भारत के प्रथम ट्रांसजेंडर लोकसभा सांसद के उम्मीद्वार रहें राजन सिंह जो की दक्षिणी दिल्ली से चुनाव लड़ चुके हैं माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा ट्रांसजेंडर नेता राजन सिंह को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई हैं लेकिन दिल्ली पुलिस में दक्षिणी दिल्ली के उपायुक्त आईपीएस अंकित चौहान ने बीना किसी सूचना के उनकी पुलिस सुरक्षा को हटा दिया। लेकिन जब ट्रांसजेंडर राजन सिंह ने कार्यालय पर जाकर पता करने की कोशिश की तो उन्हें हौज खास स्थित पुलिस उपायुक्त कार्यालय तक में घुसने नही दिया गया व वहां एक एक अधिकारी ने बताया कि डीसीपी साहब ट्रांसजेंडर लोगो से नही मिलते हैं साउथ दिल्ली के उपायुक्त ऑफिस में ट्रांसजेंडर्स का आना वर्जित हैं। इसलिए दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा आपको दी गई पुलिस सुरक्षा वापस ले ली गई हैं।
किन्नरों के साथ इस तरह का भेद-भाव पुर्ण रवैया से नाराज किन्नरों के समूह ने बुधवार को पुलिस उपायुक्त कार्यालय में पहुंचकर दिल्ली पुलिस के खिलाफ अर्द्धनग्न प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहें राजन सिंह (ट्रांसजेंडर) ने कहा ” देश में पहली बार हम यह देख रहें हैं की दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा एक ट्रांसजेंडर राजनेता को दी गई पुलिस सुरक्षा को बिना किसी सूचना के हटा लिया गया हैं, दिल्ली पुलिस के अधिकारी अंकित चौहान ने अपने कार्यालय के अंदर ट्रांसजेंडर्स के आने पर रोक लगा दी हैं। यह संवैधानिक संकट हैं। यह हमारे मौलिक अधिकार का हनन हैं। दिल्ली पुलिस जब ट्रांसजेंडर्स को सुरक्षा नहीं दे सकती तो इन्हें दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दी गई सुरक्षा को छीनने का भी अधिकार नहीं है।” इस तरह के नफरत फ़ैलाने वाले अधिकारी को बर्खास्त कर देना चाहिए।