काठमांडू। नेपाल में मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। गृह मंत्रालय की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार 66 लोगों की मौत और 60 अन्य लोगों के घायल होने की खबर है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने शनिवार को अपने एक बयान में कहा कि 69 लोग लापता हैं। सबसे ज्यादा नुकसान काठमांडू घाटी में हुआ है। यहां 34 लोगों की मौत हुई है।
साथ ही तिवारी ने दावा किया है कि सुरक्षा बलों ने 3 हजार से अधिक लोगों को बचाया है। सरकार ने घायलों को मुफ्त इलाज और इस तबाही में अपने सिर से छत गंवा चुके लोगों के लिए जल्द से जल्द पुनर्वास का काम शुरू करने का फैसला लिया है।
उन्होंने आगे कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में कई राजमार्ग और पुल भी नष्ट हो गए हैं। राजमार्गों को साफ करना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
नेपाल पुलिस ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण देश के बाकी हिस्सों से काठमांडू से जोड़ने वाले राजमार्गों सहित लगभग सभी राजमार्ग पर आवागमन ठप है। भूस्खलन की वजह से काठमांडू के सभी प्रवेश मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।
नेपाल के शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस बीच सभी राज्य सरकारों से रविवार से तीन दिन के लिए स्कूल बंद रखने और मंगलवार तक निर्धारित सभी विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाओं को स्थगित करने का अनुरोध किया है।
नेपाल में इस वर्ष मानसून के दौरान औसत से अधिक वर्षा हुई है। उफनती नदियों के कारण काठमांडू के कुछ हिस्सों में पानी भर गया है। कई घर पानी में डूब गए हैं और लोगों को ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
शहर के दक्षिणी हिस्से का एक बड़ा इलाका ज्यादातर बाढ़ग्रस्त था और चार लोगों को लेने के लिए सेना के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था। ये लोग अपने घर छोड़ने में असमर्थ थे। काठमांडू के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति और इंटरनेट सेवा काफी समय तक बाधित रही।