हरी राम यादव
बलिदान दिया जिन वीरों ने,
आओ हम उनके नगमें गाएं।
चढ़े देश की बलि वेदी पर जो,
उनके सम्मुख शीश झुकाएं।
आओ आजादी का पर्व मनाएं।
जिन्होंने अपना सर्वस्व लुटाया,
उनका हम सब आभार जताएं।
जो खाए लाठी और झेले गोली,
उन पर हम बलि बलि जाएं।
आओ आजादी का पर्व मनाएं।
सही क्रूर यातना अंग्रेजों की ,
जीवन पर घिरी रही घटाएं।
फिर भी बोले जय हिंद की बोली,
धन्य हैं ऐसे वीरों की वीर माएं।
आओ आजादी का पर्व मनाएं।
लड़ते रहे जो मिट जाने तक,
छोड़ी न आजादी की आशाएं ।
घूमे जंगल जंगल झाड़ी झाड़ी,
जिन्हें डरा सकीं न बाधाएं।
आओ आजादी का पर्व मनाएं।
जिनको अपनी न कोई चिंता,
बस रही देश की सब चिंताएं।
ऐसे वतन के मतवालों की ,
हिम्मत पर आओ हम हर्षाएं।
आओ आजादी का पर्व मनाएं।
सबकी आजादी रहे सुरक्षित,
सब खुली हवा में सांस ले पाएं।
यह सोच हो जन गण मन की,
ऐसा देश में वातावरण बनाएं।।
आओ आजादी का पर्व मनाएं।।