उखीमठ/रुद्रप्रयाग। द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर की देवडोली ने शनिवार को अन्य देव निशानों के साथ प्रात: 7 बजे श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से प्रथम पड़ाव राकेश्वरी मंदिर रांसी को रात्रि विश्राम को प्रस्थान किया। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देवडोली को विदा किया।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर के सेवादार एवं हक-हकूकधारी देवडोली के साथ चल रहे हैं और पैदल चलकर देवडोली श्री मद्महेश्वर धाम पहुंचेगी। इस अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था।
देव डोली (रविवार) 19 मई गौंडार गांव रात्रि विश्राम करेगी तथा सोमवार 20 मई पूर्वाह्न 11.15 बजे (सवा ग्यारह बजे) मद्महेश्वर के कपाट शीत काल के लिए दर्शनार्थ खुलेंगे। भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गयी थी।
बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिरसमिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय के निर्देश पर मद्महेश्वर मंदिर के कपाट खुलने की तैयारियों पूरी की जा चुकी है। मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने देवडोली यात्रा के लिए आदेश जारी किये हैं ताकि देव डोली यात्रा का संचालन समुचित ढ़ग से हो सके।
कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत मद्महेश्वर की डोली के प्रस्थान से पहले आज ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में केदारनाथ धाम के रावल 1008 श्री भीमाशंकर लिंग ने पूजा-अर्चना कर डोली को विदा किया।
शुक्रवार सभामंडप में स्थानीय डगवाड़ी गांव के लोगों और श्रद्धालुओं ने मद्महेश्वर को छावडी अर्थात नये अनाज का भोग चढ़ाया। अपने संदेश में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने मदमहेश्वर देवडोली यात्रा के अवसर पर सभी श्रद्धालुओ को शुकामनाएं दी है। कल भगवान मदमहेश्वर चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर, ऊखीमठ मंदिर सभामंडप में ही दर्शनार्थ विराजमान रही।
इस अवसर पर मद्महेश्वर धाम के पुजारी टी गंगाधर लिंग, देवरा प्रभारी यदुवीर पुष्पवान, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, देवानंद गैरोला,सामाजिक कार्यकर्ता खुशाल नेगी,डोली प्रभारी मनीश तिवारी, पुजारी बागेश लिंग, ओंकारेश्वर मंदिर प्रभारी रमेश नेगी, दीपक पंवार,दफेदार विदेश शैव, मुकुंदी पंवार,सूरज नेगी सहित पंचगौंडारी/उनियारा/रांसी के हकहकूकधारी तीर्थपुरोहित तथा श्रद्धालुजन मौजूद रहे।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ के मुताबिक आज 18 मई प्रात: को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली और देव निशान शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से मंदिर समिति स्वयंमसेवक और हक-हकूकधारी पैदल व पांवों में बिना कुछ पहने हुए राकेश्वरी मंदिर रांसी रात्रि विश्राम को प्रस्थान हुए।
देवचौरीं, ब्रह्मखोली उखीमठ, रांसी बाजार सहित स्थान- स्थान पर श्रद्धालु श्री मदमहेश्वर जी की देव डोली का दर्शन किये हैं। फूल मालाओं से मद्महेश्वर की डोली एवं देव निशानों का स्वागत किया। 19 मई को मद्महेश्वर की उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी से प्रवास के लिए दूसरे पड़ाव गोंडार गांव पहुंचेगी। 20 मई सुबह मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली गोंडारगांव से मद्महेश्वर धाम पहुंचेगी और पूर्वाह्न 11.15 बजे शुभ लग्न में सवा ग्यारह बजे मद्महेश्वर के कपाट खुलेंगे।