वाशिंगटन। अमेरिकी कांग्रेस (संसद) की एक समिति ने कहा है कि वह पाकिस्तान में पिछले महीने हुए चुनावों पर 20 मार्च को बहस करेगी। इन चुनावों में धांधली का आरोप लगा है। बहस का शीर्षक है, ‘चुनावों के बाद पाकिस्तान: पाकिस्तान में लोकतंत्र के भविष्य का परीक्षण और अमेरिका-पाकिस्तान संबंध।’
दो दर्जन से ज्यादा सांसदों ने पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनाव की निष्पक्षता को लेकर चिंता व्यक्ति की थी जिसके बाद 20 मार्च को दक्षिण एशियाई देश पर बहस की घोषणा की गई। चुनाव में धांधली के आरोप लगे हैं। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने कहा है कि जनादेश को चुरा कर नई सरकार का गठन किया गया है।
खान की पार्टी समर्थित 90 से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है और नेशनल असेंबली में उनकी संख्या सबसे ज्यादा है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने गठबंधन कर सरकार बनाई है।
दक्षिण और पश्चिम एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू को पश्चिम एशिया, उत्तरी अफ्रीका पर उपसमिति और मध्य एशिया पर सदन की विदेश मामलों की समिति के समक्ष गवाही देने के लिए कहा गया है।
सिफर (गुप्त राजनयिक संदेश) विवाद में लू की कथित संलिप्तता को देखते हुए उनकी गवाही अहम मानी जा रही है।
सदन की विदेश मामलों की समिति 20 मार्च को एक प्रस्ताव पर विचार करने वाली है जो पाकिस्तान में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए समर्थन व्यक्त करता है।
प्रस्ताव में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री से लोकतंत्र, मानवाधिकार और कानून के शासन को सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने का आह्वान किया गया है।
प्रस्ताव पाकिस्तान से लोकतांत्रिक संस्थानों, मानवाधिकारों और कानून के शासन को बनाए रखने का आग्रह करता है।