तोक्यो। जापान के अभियोजकों ने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के
मामले में संदिग्ध पर औपचारिक रूप से, हत्या के आरोप लगाए हैं। जापानी मीडिया ने शुक्रवार को
यह जानकारी दी।
पूर्वी जापान के नारा में एक रेलवे स्टेशन के बाहर जुलाई में एक चुनावी सभा के दौरान आबे पर
तेत्सुया यामागामी ने देसी बंदूक से कथित तौर पर गोली चला दी थी। घटना के तुरंत बाद ही
यामागामी को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसकी मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए उसे
करीब छह महीने तक ओसाका हिरासत केंद्र में रखा गया। मंगलवार को उसे नारा में पुलिस के हवाले
कर दिया गया था।
अभियोजकों ने कहा कि जांच में यामागामी की मानसिक स्थिति बिल्कुल सही पाई गई और उस पर
मुकदमा चलाया जा सकता है। यामागामी पर बंदूक नियंत्रण कानून का उल्लंघन करने का भी आरोप
लगाया गया है।
पुलिस के अनुसार, पूछताछ में यामागामी ने बताया कि उसने आबे की हत्या इसलिए कि क्योंकि
उनके एक धार्मिक संगठन से स्पष्ट संबंध थे, जिससे वह नफरत करता था। मीडिया की कुछ खबरों
में इस संगठन की पहचान ‘यूनिफिकेशन चर्च’ के रूप में की गई है।
पुलिस के मुताबिक, यामागामी ने कहा उसकी मां ने ‘यूनिफिकेशन चर्च’ को बहुत चंदा दिया था,
जिससे उनका परिवार दिवालिया हो गया और उनका जीवन बर्बाद हो गया। कई लोगों ने यामागामी
के प्रति सहानुभूति दिखाई और उसके प्रति उदारता दिखाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर
हस्ताक्षर किए हैं। गिरजाघर विवाद से निपटने को लेकर तथा आबे के एक दुर्लभ एवं विवादास्पद
अंतिम संस्कार के बाद से वर्तमान प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की लोकप्रियता कम हुई है।