ब्रसेल्स। यूक्रेन में रूस के युद्ध, हैती में अराजकता और मेक्सिको में
आपराधिक समूहों की बढ़ती हिंसा के चलते वर्ष 2022 में रिपोर्टिंग के दौरान जान गंवाने वाले
मीडियाकर्मियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। शुक्रवार को जारी एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी
दी गई है।
ब्रसेल्स स्थित अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संघ (आईएफजे) द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल
दुनियाभर में अब तक कम से कम 67 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे जा चुके हैं, जबकि पिछले साल
यह संख्या 47 थी।
आईएफजे के अनुसार, इस साल दुनियाभर में कम से कम 375 पत्रकारों को उनके काम के चलते
गिरफ्तार किया गया है। हांगकांग, चीन, म्यांमा और तुर्किये में सबसे ज्यादा संख्या में पत्रकारों को
सलाखों के पीछे धकेला गया है। पिछले साल काम के चलते गिरफ्तार किए जाने वाले पत्रकारों की
365 बताई गई थी।
काम के दौरान जान गंवाने वाले मीडियाकर्मियों की संख्या में वृद्धि के मद्देनजर आईएफजे और
अन्य मीडिया अधिकार समूहों ने सरकारों से पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्र पत्रकारिता सुनिश्चित
करने के लिए अधिक ठोस कदम उठाने का आह्वान किया है।
आईएफजे महासचिव एंथोनी बेलंगर ने एक बयान में कहा, ‘‘मीडियाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित
करने में विफलता केवल उन लोगों को बढ़ावा देगी, जो सूचनाओं का मुक्त प्रवाह रोकने की कोशिश
करते हैं और अपने नेताओं को जवाबदेह ठहराने की लोगों की क्षमता को कम करते हैं।’’
संगठन के अनुसार, इस वर्ष किसी भी अन्य देश की तुलना में यूक्रेन में युद्ध की रिपोर्टिंग करने
वाले मीडियाकर्मियों की मौत के सबसे ज्यादा 12 मामले दर्ज किए गए। मरने वाले मीडियाकर्मियों में
अधिकतर यूक्रेनी थे, लेकिन इनमें अमेरिकी वृत्तचित्र फिल्म निर्माता ब्रेंट रेनॉड जैसे अन्य देशों के
पत्रकार भी शामिल थे।