खेती, बागवानी में अधिक रुचि बढ़ाने के लिए विभाग बनाएं विशेष प्लान : मुख्यमंत्री

asiakhabar.com | November 24, 2022 | 5:16 pm IST
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देहरादून। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती बागवानी में रुचि कम होने के चलते
गांवों से पलायन हो रहा है। कृषि से संबंधित विभाग अधिक से अधिक लोगों को खेती से जुड़ने के
लिए विशेष प्लान बनाकर समाधान निकालें ताकि पलायन रोकने में मददगार साबित हो।
गुरुवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी में सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन
शिविर के तीसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह बातें कहीं। शिविर के अंतिम दिन आज वन
विभाग एवं कौशल विकास के की लघु एवं दीर्घकालिक योजनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेती एवं बागवानी को बंदरों की काफी नुकसान पहुंचाया
जा रहा है। जिससे अधिकांश लोग खेती और बागवानी में कम रुचि ले रहे हैं। इस वजह से ग्रामीण

क्षेत्रों से पलायन भी हो रहा है। इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए संबंधित
विभागों को भी वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने होंगे। वन विभाग, कृषि विभाग एवं
उद्यान विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन कर इस समस्या का समाधान निकाला जाए।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन पंचायतों के माध्यम से स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ना
होगा। इसके लिये वनों के माध्यम से उनकी आजीविका को बढ़ाने के प्रयास करने हैं।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आईटीआई में बच्चों को अच्छा प्रशिक्षण मिले, इसके लिए आईटीआई
में आवश्यक संसाधनों एवं मैनपावर को बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। भविष्य की
आवश्यकताओं के हिसाब से विश्लेषण कर कार्यों को आगे बढ़ाना होगा।
मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत
है। योग के क्षेत्र में भी राज्य में और तेजी से कार्य हों, योग में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं, इस
दिशा में प्रयास किए जाए।
उत्तराखंड को मिलेंगे अच्छे परिणाम-
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि उनका उत्तराखंड से काफी समय से लगाव रहा है।
राज्य के समग्र विकास के लिए हो रहे इस चिंतन शिविर के आने वाले समय में राज्य को अच्छे
परिणाम मिलेंगे। नीति आयोग राज्य को हर संभव सहयोग दिए जाने के प्रयास किए जाएंगे। उत्पादों
की वैल्यू एडिशन, मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। अगले 25 साल भारत
के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक अनूप मालिक ने बताया कि विभाग दीर्घ और लघु योजनाओं पर
काम कर रहा है। प्रकृति आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पांच नए डेस्टिनेशन को अगले पांच
वर्षों में चयनित एवं विकसित किए जाएंगे। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग लिंकेज बनाकर 10 नए
डेस्टिनेशन को अगले दस वर्ष में विकसित किए जाएंगे। मानव-वन्य जीव संघर्ष को रोकने हेतु स्टेट
एक्शन प्लान बनाया जाएगा। साथ ही संवेदनशील इलाकों में रैपिड रेस्पॉन्स टीमों का गठन किया
जाएगा, स्टेक होल्डर्स यानि स्थानीय निवासियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में बंदरों
के आतंक को कम करने के लिए बताया गया कि बंदरों को पकड़कर इनकी नसबंदी की जा रही है।
वहीं, हाथी एवं बाघ के पारंपरिक गलियारों को रिस्टोर करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
300 वेलनेस सेन्टर राज्य में हो रहे संचालित-
सचिव आयुष डाॅ. पंकज कुमार पांडेय ने आयुष को लेकर विभाग का रोडमैप बताते हुए कहा कि
आयुष को दोबारा स्थापित करना है। उत्तराखंड को आयुष और योग का हब बनाना बनाना है। इस

क्षेत्र में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को प्रोमोट किया जा रहा है। आयुष ढांचे को अपग्रेड करने के प्रयास किये
जा रहे हैं। अभी 300 वेलनेस सेन्टर राज्य में संचालित हो रहे हैं। योगा एवं नेचुरोपैथी का सेल
बनाया जा रहा है।
उन्होंने दवाओं के प्रमाणीकरण करने की जानकारी भी दी। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर का सिस्टम
बनाने की बात कही। जड़ी-बूटियों के प्रोडक्शन को बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने विभाग में प्रशिक्षित
डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को इंगित किया। राज्य में आदर्श आयुष ग्राम विकसित करने
के प्रयास किये जा रहे हैं। बताया कि डेंगू में होमियोपैथी काफी कारगर साबित हो रही है।
डाॅ. पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि उद्योग के क्षेत्र हरिद्वार एवं पंतनगर सिडकुल में अच्छा काम
हो रहा है। इकॉनमिक डेवलपमेन्ट के लिए स्वरोजगार पर जोर दिया गया। जीआई टैगिंग के बाद
हमारी मार्केटिंग ऊपर आ जाती है। इसे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार
योजना में अच्छा कार्य हो रहा है।
टूरिज्म एवं सर्विस सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट पर कार्य किए
जा रहे है। उद्योग जगत के लोगों को राज्य में अधिकतम इन्वेस्ट के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
प्रोडक्ट की जी.आई. टैगिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन्वेस्टमेंट के लिए लैंड बैंक पर भी
कार्य किए जा रहे हैं। गति शक्ति में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।
उद्योगों की डिमांड के हिसाब से कौशल विकास विभाग दे रहा प्रशिक्षण-
सचिव कौशल विकास विजय कुमार यादव ने कौशल विकास पर कहा कि उद्योगों की डिमांड के
हिसाब से कौशल विकास विभाग द्वारा लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।
लॉन्ग टर्म एवं शॉर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्थाएं की गई हैं। फैकल्टी को भी अप स्किलिंग
करने की व्यवस्था की जा रही है।अपडेटेट ट्रेनिंग मेटेरियल एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ लोगों को
प्रशिक्षण मिले इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। आईटीआई में स्पेशियल ट्रैनिंग प्रोग्राम भी
आयोजित किए जा रहे हैं। ये प्रशिक्षण देश के अच्छे संस्थानों से सहयोग लेकर किए जा रहे हैं।
आईटीआई सहसपुर में स्किल हब भी बनाया गया है। प्रशिक्षण देने वाले विभागों में आपसी समन्वय
का होना भी जरूरी है।
कौशल विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल की ओर से
पहाड़ी भवन निर्माण शैली को संरक्षित करने और रोजगार देने के उद्देश्य से हुनरशाला पहाड़ों में
खोलने का सुझाव दिया गया। वर्तमान में कौशल विकास का पूरा ध्यान उद्योग की जरूरत पर
आधारित है जबकि हम अपनी पारंपरिक हुनर को खो रहे हैं जिनके संरक्षित कर इसे पर्वतीय इलाकों
में रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम बनाया जा सकता है। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार की
ओर से कौशल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाने का सुझाव दिया गया।


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