मुंबई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री वसवराज बोम्मई के गुरुवार को जारी वक्तव्य
पर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। इस वक्तव्य पर विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार
और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने कहा है कि
महाराष्ट्र का अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।
अजीत पवार ने पत्रकारों को बताया कि सांगली जिले के जत तहसील के गांवों पर दावा करने के बाद
अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने सोलापुर जिले के अक्कलकोट पर भी दावा किया है। कर्नाटक के
मुख्यमंत्री को तुरंत इस तरह के बयान देना बंद कर देना चाहिए। उनका यह बयान निंदनीय है।
अजीत पवार ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के
बयान दिए जा रहे हैं। अब केवल मुंबई की मांग करना बाकी है। अजीत पवार ने कहा कि केंद्र
सरकार को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। साथ ही दोनों राज्यों को मिलकर कर्नाटक
सीमा विवाद का निपटारा करने का प्रयास करना चाहिए।
संजय राऊत ने महाराष्ट्र -कर्नाटक सीमा विवाद पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री वसवराज बोम्मई के
गुरुवार को जारी बयान की निंदा की है। वसवराज बोम्मई ने आज अपने ट्वीट में कहा है कि
सोलापुर जिले में अक्कलकोट में रहने वाले कन्नड़भाषी बहुल गांव भी कर्नाटक में शामिल होना चाहते
हैं। इससे एक दिन पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने सांगली जिले की जत तहसील के 40 गांवों पर
कब्जा करने की बात की थी।
राऊत ने कहा कि यह राज्य सरकार की कमजोरी है, इसी वजह से जो चाहे उठ रहा है। राऊत ने
कहा कि राज्य में कमजोर सरकार की वजह से कोई महाराष्ट्र का उद्योग भगा कर ले जा रहा है
और कोई गांव ले जाने की बात कर रहा है। लेकिन हम महाराष्ट्र के लिए लड़ना जारी रखेंगे।