छठ मैया सबकी समृद्धि और कल्याण करें मोदी

asiakhabar.com | October 30, 2022 | 4:07 pm IST
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों को सूर्योपासना का
महापर्व छठ की बधाई दी। श्री मोदी ने आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, “आज, देश
के कई हिस्सों में सूर्य उपासना का महापर्व ‘छठ’ मनाया जा रहा है। ‘छठ’ पर्व का हिस्सा बनने के
लिए लाखों श्रद्धालु अपने गाँव, अपने घर, अपने परिवार के बीच पहुँचे हैं। मेरी प्रार्थना है कि छठ
मइया सबकी समृद्धि, सबके कल्याण का आशीर्वाद दें।”
उन्होंने कहा, “सूर्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का,
प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है। इस पूजा के जरिये हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का महत्व
समझाया गया है। साथ ही, ये सन्देश भी दिया गया है कि उतार-चढ़ाव, जीवन का अभिन्न हिस्सा
है। इसलिए, हमें हर परिस्थिति में एक समान भाव रखना चाहिए। छठ मइया की पूजा में भांति-भांति
के फलों और ठेकुआ का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इसका व्रत भी किसी कठिन साधना से कम नहीं
होता।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि छठ पूजा की एक और ख़ास बात होती है कि इसमें पूजा के लिए जिन
वस्तुओं का इस्तेमाल होता है उसे समाज के विभिन्न लोग मिलकर तैयार करते हैं। इसमें बांस की
बनी टोकरी या सुपली का उपयोग होता है। मिट्टी के दीयों का अपना महत्व होता है। इसके जरिये
चने की पैदावार करने वाले किसान और बताशे बनाने वाले छोटे उद्यमियों का समाज में महत्व
स्थापित किया गया है। इनके सहयोग के बिना छठ की पूजा संपन्न ही नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा, “छठ का पर्व हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व पर भी जोर देता है। इस पर्व के आने
पर सामुदायिक स्तर पर सड़क, नदी, घाट, पानी के विभिन्न स्त्रोत, सबकी सफाई की जाती है। छठ
का पर्व ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भी उदाहरण है। आज बिहार और पूर्वांचल के लोग देश के जिस
भी कोने में हैं, वहाँ, धूमधाम से छठ का आयोजन हो रहा है। दिल्ली, मुंबई समेत महाराष्ट्र के
अलग-अलग जिलों और गुजरात के कई हिस्सों में छठ का बड़े पैमाने पर आयोजन होने लगा है।
मुझे तो याद है, पहले गुजरात में उतनी छठ पूजा नहीं होती थी। लेकिन समय के साथ आज करीब-
करीब पूरे गुजरात में छठ पूजा के रंग नज़र आने लगे हैं। ये देखकर मुझे भी बहुत ख़ुशी होती है।
आजकल हम देखते हैं, विदेशों से भी छठ पूजा की कितनी भव्य तस्वीरें आती हैं। यानी भारत की
समृद्ध विरासत, हमारी आस्था, दुनिया के कोने-कोने में अपनी पहचान बढ़ा रही है। इस महापर्व में
शामिल होने वाले हर आस्थावान को मेरी तरफ़ से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।”


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