नई दिल्ली। समाचार दर्शकों में से लगभग आधे समाचार बुलेटिन पसंद
करते हैं, जबकि केवल 12 प्रतिशत परिचर्चा कार्यक्रमों को पसंद करते हैं। यह बात भारत में मीडिया
पर किए गए एक अध्ययन में सामने आयी जिससे लोगों के बीच समाचार की पुरानी शैली की
लोकप्रियता का पता चला।
लोकनीति-सीएसडीएस के अध्ययन में यह भी पाया गया कि 90 प्रतिशत से अधिक सक्रिय इंटरनेट
उपयोगकर्ता सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं, लेकिन औसतन प्रत्येक प्लेटफॉर्म के आधे से अधिक
उपयोगकर्ताओं का इस पर मध्यम दर्जे का या कम भरोसा है।
अध्ययन से पता चलता है कि समाचार मीडिया के मामले में निजी चैनल और ऑनलाइन पोर्टल पर
सबसे कम भरोसा किया जाता है, जबकि दूरदर्शन और समाचार पत्रों पर सबसे अधिक भरोसा किया
जाता है।
अध्ययन में पाया गया कि समाचार दर्शकों के मामले में, 49 प्रतिशत लोग परिचर्चा कार्यक्रम की
तुलना में समाचार बुलेटिन पसंद करते हैं जबकि 12 परिचर्चा कार्यक्रम पसंद करते हैं।
भारतीयों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म
व्हाट्सऐप और यूट्यूब हैं, जबकि फेसबुक तीसरे स्थान पर खिसक गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भरोसा करने के मामले में, सर्वेक्षण में शामिल 59 प्रतिशत उत्तरदाताओं
ने व्हाट्सऐप पर बहुत कम से मध्यम दर्जे का विश्वास जताया, जबकि 13 प्रतिशत को बिल्कुल भी
भरोसा नहीं है।
इसी तरह, ट्विटर के लिए 54 प्रतिशत लोगों को बहुत कम से मध्यम दर्जे का विश्वास है और 12
प्रतिशत को बिल्कुल भी भरोसा नहीं है।
लोकनीति कार्यक्रम सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज के कोनराड एडेनॉयर स्टिफ्टुंग
(केएएस) के साथ साझेदारी में, लोगों की दिन-प्रतिदिन की मीडिया संबंधी आचरण और मीडिया से
संबंधित उनकी चिंताओं और दृष्टिकोणों को समझने के लिए देशव्यापी अध्ययन किया। यह अध्ययन
पारंपरिक और नये मीडिया, दोनों पर केंद्रित था। यह 19 राज्यों में किया गया।