नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की महासभा में भारत
को एक बार फिर अध्यक्ष और फ्रांस को सह-अध्यक्ष चुना गया है।
आईएसए के महानिदेशक अजय माथुर ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि संगठन की
पांचवीं महासभा में इन दोनों देशों को फिर से पद पर चुन लिया गया। बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा
मंत्री आर. के. सिंह इसका अध्यक्ष पद संभालेंगे, जबकि फ्रांस की विकास एवं अंतरराष्ट्रीय भागीदारी
राज्य मंत्री क्रिसूला जकारोपूलो सह-अध्यक्ष होंगी। माथुर ने बताया कि अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष पद
के लिए सिर्फ एक-एक आवेदन ही किए गए थे। ऐसी स्थिति में भारत को फिर से सौर गठबंधन का
अध्यक्ष और फ्रांस को सह-अध्यक्ष चुन लिया गया।
इस चुनाव के बाद अध्यक्ष पद संभालने जा रहे सिंह ने कहा कि आईएसए का बहुत तेजी से विकास
हुआ है। इसके सदस्यों की संख्या 110 तक पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि हमें बिजली की सुविधा
से वंचित करीब 70 करोड़ लोगों तक दुनिया भर में स्वच्छ स्रोतों से बिजली पहुंचानी है। इस मौके
पर क्रिसूला ने यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया के सामने पैदा हुए ऊर्जा संकट का जिक्र करते हुए
कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का तेजी से संयोजन करना उनका मकसद होगा। उन्होंने कहा कि यह
ऊर्जा की अनिवार्यता न होकर हमारे सदस्य देशों की ऊर्जा स्वतंत्रता के लिए जरूरी है।
सौर ऊर्जा में निवेश बढ़ाने का लक्ष्य : आईएसए का मिशन वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा में एक लाख
करोड़ डॉलर की निवेश संभावनाएं पैदा करना है। इसके लिए सौर ऊर्जा की तकनीक एवं वित्त पोषण
की लागत को कम करने पर ध्यान दिया जा रहा है। आईएसए की महासभा ने एक भुगतान गारंटी
व्यवस्था ‘सौर सुविधा को भी मंजूरी दी। इससे सौर क्षेत्र में निवेश को गति मिलने की उम्मीद है।
इसके लिए सौर भुगतान गारंटी कोष और सौर बीमा कोष का सहारा लिया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों से
वित्त जुटाने के लिए आईएसए सौर सुविधा को जल्द ही शुरू करेगा। इसके अलावा आईएसए की
महासभा ने ‘सोलरएक्स ग्रांड चैलेंज को भी मंजूरी दी। इसके माध्यम से सौर क्षेत्र में नवाचार एवं
स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।