मसूर का 500 रु, सरसों का 400 रु एमएसपी बढ़ा

asiakhabar.com | October 19, 2022 | 11:46 am IST
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नई दिल्ली। सरकार ने दलहनों और तिलहनों के उत्पादन में वृद्धि के लिए
एक और कदम बढ़ाते हुए मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 500 रुपये, सरसाें में 400
रुपये तथा गेहूं की 110 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की मंगलवार को यहां हुयी बैठक में विपणन सत्र
2023/24 के लिए रबी की विभिन्न फसलों के एमएसपी संशोधित करने का फैसला किया, जिसके
तहत मसूर का 500 रुपये, सरसों का 400 रुपये, गेंहू का 110 रुपये और जौ का 100 रुपये प्रति
क्विंटल बढ़ाया गया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी देते
हुए बताया कि चना के एमएसपी में 105 रुपये और कुसुम के एमएसपी में 209 रुपये प्रति क्विंटल
की वृद्धि का निर्णय किया गया है।
इस निर्णय के अनुसार गेंहू का एमएसपी 2015 रुपये से बढ़ाकर 2,125 प्रति क्विंटल, जौ का
1635 से बढ़ाकर 1,735 रुपये, चना का 5230 से बढ़ाकर 5,335, मसूर का 5500 रुपये से
बढ़ाकर 6,000 रुपये, सरसों का 5050 से बढ़ाकर 5450 रुपये और कुसुम का एमएसपी 5441 से
बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
सरकार ने वर्ष 2014-15 से तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाने पर नये सिरे से ध्यान
केंद्रित किया है। इन प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। तिलहन उत्पादन 2014-15 में 2.75 करोड़
टन से बढ़कर 2021-22 में 3.77 करोड़ टन (चौथा अग्रिम अनुमान) हो गया है। दलहन उत्पादन में
भी इसी तरह की वृद्धि की प्रवृत्ति दर्ज की गई है। बीज मिनीकिट कार्यक्रम किसानों के खेतों में बीजों
की नई किस्मों को पेश करने का एक प्रमुख साधन है।
वर्ष 2014-15 के बाद से दलहन और तिलहन की उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई है। दलहन के
मामले में उत्पादकता 728 किग्रा/हेक्टेयर (2014-15) से बढ़ाकर 892 किग्रा/हेक्टेयर हो गई है
(चौथा अग्रिम अनुमान, 2021-22) अर्थात इसमें 22.53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार
तिलहन फसलों में उत्पादकता 1075 किग्रा/हेक्टेयर (2014-15) से बढ़ाकर 1292 किग्रा/हेक्टेयर
(चौथा अग्रिम अनुमान, 2021-22) कर दी गई है।
सरकार की प्राथमिकता तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाते हुए आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य
को पूरा करना है। इससे जुड़ी रणनीतियां क्षेत्र के विस्तार, उच्च उपज वाली किस्मों (एचवाईवी),
एमएसपी समर्थन और खरीद के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने के लिए हैं।


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