हाई लेवल के महंगाई के बीच भारत में फाइनेंशियल वेलनेस का महत्व बढ़ रहा है-  आईसीआईसीआई लोम्बार्ड इंडिया वेलनेस इंडेक्स

asiakhabar.com | October 8, 2022 | 5:06 pm IST
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मुंबई, 8 अक्टूबर, 022: भारत के प्रमुख सामान्य बीमा कंपनियों में शामिल आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने वार्षिक इंडिया वेलनेस इंडेक्स रिपोर्ट 2022 के लेटेस्‍ट यानी नवीनतम निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं ।   पूरे देश में किए गए सर्वे के अनुसार, भारत का वेलनेस इंडेक्स 100 में से 72 पर है ।   सर्वे यह भी बताता है कि अनलॉक 2.0 के बाद के साल में पिछले साल की तुलना में भारत के वेलनेस रेश्यो में मामूली बढ़ोतरी हुई है।  वेलनेस इंडेक्‍स में यह सुधार मुख्य रूप से फाइनेंशियल और वर्कप्लेस वेलनेस में महत्वपूर्ण रिकवरी और सोशल वेलनेस में हल्की रिकवरी के चलते हुआ है।

मंदी की आशंकाओं के बावजूद भारत में रिकवरी जारी

जैसा कि सर्वे में देखा गया है, वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बावजूद, भारत में रिकवरी जारी है, और यहां फाइनेंशियल वेलनेस का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। देश वेलनेस के मोर्चे पर रिकवरी ट्रैक पर है और इसी के चलते इंडेक्‍स में 2 अंकों का सुधार देखने को मिला है। वेलनेस के सभी छह स्तंभों (फिजिकल, मेंटल, फैमिली, फाइनेंशियल, वर्कप्लेस और सोशल) ने स्कोर में सुधार दिखाया, हालांकि ओवरआल वेलनेस इंडेक्‍स स्कोर महामारी के पहले के स्तर से अभी कम है। देश में हुई स्‍टडी से यह भी पता चला है कि ज्यादातर भारतीय मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कुछ जानने या व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। इसमें फेसबुक सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जिसके बाद इंस्टाग्राम और यूट्यूब का नंबर आता है। इसके अलावा, भारतीय युवा वर्ग ने भी अपने सोशल और फाइनेंशियल वेलनेस में ग्रोथ दिखाई है, जिसने समग्र वेलनेस के विकास को आगे बढ़ाया है।


आईसीआईसीआई लोम्बार्ड का वेलनेस इंडेक्स स्‍टडी छह स्तंभों में से हर एक के महत्व को बताता है और हर मामले में एक स्‍कोर देता है। यह स्‍टडी अलग अलग विभिन्न समूहों जैसे आयु वर्ग (जनरल एक्स, मिलेनियल्स और जेन जेड), लिंग और जियोग्राफी (मेट्रो और टियर 1) को ओवरआल  वेलनेस प्रदर्शन प्राप्त करने के लिए व्यवस्थित करता है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड द्वारा यह सबसे नवीनतम स्टडी  भारत में 19 मेट्रो और टियर 1 शहरों में 2011 लोगों के बीच की गई।

अध्ययन की प्रमुख बातें

 
वेलनेस इंडेक्‍स


इस अध्ययन से पता चलता है कि महंगाई के प्रभाव के बावजूद भारतीय साल 2021 की तुलना में खुद को आर्थिक रूप से बेहतर महसूस करते हैं। भारतीय महिलाएं फाइनेंशियल वेलनेस के मामले में ज्यादा सक्रिय रहती हैं. स्टडी से पता चलता है कि सक्षम बुनियादी ढांचा वाले टियर 1 शहरों में फाइनेंशियल वेलनेस बढ़ रहा है।

·       कार्यालयों के फिर से शुरू होने और हाइब्रिड मॉडल अपनाने के बाद वर्कप्लेस वेलनेस भी बढ़ गया है। Gen Z के चलते यह बढ़ोतरी हो रही है।
·       वेलनेस के मामलों में महिलाओं की सक्रियता बढ़ी है, जो उनके फाइनेंशियल और सोशल वेलनेस का आधार बना है। उन पर COVID का आर्थिक प्रभाव कम हो गया है, और वे स्वास्थ्य तकनीक के साथ खुद को सक्षम कर रही हैं

फिजिकल वेलनेस

·        भारतीय विशेष रूप से महिलाएं और युवा वर्ग फिजिकल वेलनेस वेलनेस के महत्व को अच्छे से समझ रहे हैं और इससे प्रभावित भी हैं। यही वजह है कि पिछले साल की तुलना में इसमें सुधार हुआ है।

·        हालांकि भारतीय इससे प्रभावित हैं और यहां तक कि फिजिकल वेलनेस पाने के बारे में भी जानते हैं, लेकिन इस मामले में सक्रियता धीमी रहती है।

मेंटल वेलनेस

·        मेंटल वेलनेस की बात करें तो यह वेलनेस इंडेक्‍स प्राप्त करने में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ बना हुआ है। भारतीयों को थकान, नींद न आना और घबराहट, बेचैनी या तनाव महसूस होता है। 26 फीसदी भारतीय भूख और वजन में बदलाव से पीड़ित हैं।

·        भारत में मेंटल वेलनेस के लिए आवश्यक तरीकों और सपोर्ट में भी महत्वपूर्ण ग्रोथ देखने को मिली है

फाइनेंशियल वेलनेस

·        फाइनेंशियल वेलनेस में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोतरी है।  ग्रोथ सभी 6 पिलर्स में है और सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला पिलर इंफ्रास्ट्रक्चर है।

·        महामारी के बाद फाइनेंशियल वेलनेस (इंफ्रा) और स्वास्थ्य बीमा के बारे में जरूरी जानकारियों तक पहुंच बढ़ी है, साथ ही बीमा और निवेश के लिए व्यक्तिगत अभियान भी बढ़ा है।

·        फाइनेंशियल वेलनेस के मामले में महिलाएं ज्यादा सक्रिय हैं।

·        स्वास्थ्य बीमा स्वामित्व भारतीयों में स्वास्थ्य को बढ़ावा दे रहा है।

·        स्वास्थ्य बीमा ओनर्स सभी प्रकार के वेलनेस सब टाइप्स पर नॉन-ओनर्स की तुलना में उच्च स्कोर प्रदर्शित करते हैं।
 
·        वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बावजूद भारत में रिकवरी जारी है, इसलिए फाइनेंशियल वेलनेस का महत्व भी बढ़ रहा है।

.         टियर 1 कस्बों में, फिन-टेक, ई-वॉलेट, बैंकिंग ग्रोथ महामारी के बाद तेजी से बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप बेहतर बुनियादी उपलब्धता हो रही है।

फैमिली एंड सोशल वेलनेस

·        भारत में फैमिली वेलनेस इस साल इंडेक्‍स में 71 पर है। फैमिली वेलनेस के सभी पिलर्स में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।  

·        सोशल वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रभाव के मामले में हाई लेवल पर है, इसके सभी मापदंडों में सुधार हो रहा है।

·        युवाओं के बीच और टियर 1 में सोशल वेलनेस में मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है, विशेष रूप से कनेक्ट और मनोरंजन बुनियादी ढांचे के लिए पियर/सामाजिक दबाव के चलते

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड का वेलनेस इंडेक्स इन रुझानों को पकड़ने और वेलनेस के अलग अलग क्षेत्रों में कंज्यूमर के व्यवहार को विकसित करने के लिए एक बेंचमार्क के रूप में काम करता है। अधिकतम संभव कुल वेलनेस इंडेक्स स्कोर 100 है।


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