नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने एक सितंबर से लागू पुरानी आबकारी नीति
व्यवस्था के तहत एक महीने में 768 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। अधिकारियों ने यह
जानकारी दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को
लागू अपनी नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए एक सितंबर 2022 से पुरानी आबकारी व्यवस्था
बहाल कर दी थी।
उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा इस साल जुलाई में आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में
कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश करने के
बाद दिल्ली सरकार ने इस नीति को वापस ले लिया था।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “एक सितंबर से लागू की गई मौजूदा नीति के तहत
768 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है, जिसमें आबकारी शुल्क के रूप में 460 करोड़
रुपये और मूल्य संवर्द्धित कर (वैट) के रूप में अनुमानित 140 करोड़ रुपये शामिल है।”
मौजूदा नीति के तहत दिल्ली सरकार के चार निगमों-दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम
(डीटीटीडीसी), दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीएसआईआईडीसी),
दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (डीएससीएससी) और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर
लिमिटेड (डीसीसीडब्ल्यूएस) ने शहर भर में खुदरा दुकानें खोली हैं।
अधिकारी के मुताबिक, चारों निगमों का सितंबर महीने का लाभ 40 करोड़ रुपये था। उन्होंने बताया
कि अब तक चारों निगम शहर में शराब की 400 दुकानें खोल चुके हैं और साल के अंत तक यह
संख्या बढ़कर 700 तक पहुंच जाएगी।
अधिकारी के अनुसार, आबकारी विभाग ने अलग-अलग तरह की शराब के 500 से अधिक ब्रांड
पंजीकृत किए हैं और अन्य ब्रांड के पंजीकरण के साथ ही यह संख्या और बढ़ जाएगी। अधिकारी ने
बताया कि आबकारी नीति 2021-22 के तहत वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में कुल 1,485
राजस्व प्राप्त हुआ, जो बजट में अनुमानित राशि यानी 2,375 करोड़ रुपये से 37.51 फीसदी कम है।