सामाजिक सरोकारों को पैसों की ताकत से खरीदने की होड लगी है। बंगाल में फिर नोटों के पहाड मिले, पादरी के अण्डरवर्ड से संबंध उजागर हुए, विवादास्पद पादरी से राजनैतिक दिग्गजों की खास मुलाकतें हुईं, राजनैतिक दबदबे ने अपराधों के ग्राफ को ऊंचा करना शुरू कर दिया है, जिन्दा जलाने वालों को कानून का भय जाता रहा है, ऐसी एक नहीं अनगिनत घटनायें इन दिनों बेहद तेजी से सामने आईं। कोलकता के व्यापारी आमिर खान के 6 ठिकानों से मिले नोटों को गिनने के लिए अनेक मशीनों का उपयोग किया गया। इसमें आमिर खान सहित अनेक लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। मोबाइल गेमिंग के माध्यम से धोखाधडी करके यह धन जाम करने की बात सामने आई है। जालसाजों का यह गिरोह एप बनाकर उसे लांच करता था और फिर शिकार तलाशता था। शुरूआती दौर में कुछ लोगों ने ज्यादा कमीशन पाने के लिए निवेश भी शुरू कर दिया था। बाद में एप के अपग्रेशन के नाम पर निकासी बंद कर दी गई और हडप गया लोगों के पैसे। दूसरी ओर चर्च आफ नार्थ इण्डिया के माडरेटर बिशप पीसी सिंह व्दारा दाउद इब्राहिम के दाहिने हाथ माने जाने वाले रियाज भाटी के साथ मुम्बई जिमखाना की जमीन का सौदा 3 करोड में करने का मामला सामने आया है। रियाज भाटी की गिरफ्तारी के बाद उसके पास से मिले दस्तावेजों में मुम्बई जिमखाना जमीन का एग्रीमेन्ट भी मिला। गहन जांच में सामने आया कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ में बिशप तथा उसके साथी अनेक जमीनें बेच चुके हैं जबकि यह जमीनें सरकार ने लीज पर दी थीं। विभिन्न 35 आपराधिक मामलों में विशप पीसी सिंह को नामजद आरोपी बनाया गया है। विशप के जबलपुर स्थित आवास पर छापेमारी में अभी तक 9 लग्जरी गाडिया, 32 महंगी घडियां, बेशकीमती कपडे, सोने के जेवरात सहित 14.5 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा मिली है। विशप मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले के निवासी हैं। उन्होंने धर्मान्तरण करके ईसाई में प्रवेश लिया था। उल्लेखनीय है कि विशप ने अपने निजी उपयोग हेतु पाल दिनाकरन का चार्टर्ड प्लेन को नागपुर हवाई अड्डे पर स्थाई रूप से पार्क कराया हुआ है जिसमें उसका परिवार भी उडान भरता है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने तो गैंगस्टर पीटर बलदेव के साथ विशप को सह आरोपी भी बनाया है। वहीं राहुल गांधी ने अपनी भारत जोडो यात्रा के दौरान तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में स्थित मुट्टीडिचन पाराई चर्च के कैथोलिक पादरी जार्ज पोन्नैया के साथ खास मुलाकात की। इस मुलाकात का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें राहुल गांधी यह पूछ रहे हैं कि यीशु मसीह भगवान का एक रूप हैं, क्या यह सही है? इसके जबाब मेें पादरी जार्ज पोन्निया ने कहा कि नहीं, वह असली भगवान हैं। उल्लेखनीय है कि यह वही पादरी है जिन्हे मदुरै के कालीकुडी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित द्रमुक मंत्री और अन्य के खिलाफ कथित रूप से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में जुलाई माह में गिरफ्तार किया गया था। ऐसे व्यक्ति के साथ राहुल गांधी की खास मुलाकात और बातचीत को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। एक अन्य घटना में झारखण्ड फिर सुर्खियों में आया है जहां के मुख्यमंत्री दर्दनाक हत्याओं के मामलों को आम घटना करार दे चुके हैं। दुमका के बाद गढवा के वंशीधर नगर में दीपक सोनी को कमरुद्दीन ने सरेआम पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। दीपक का दोष केवल इतना था कि उसने कमरुद्दीन को उसकी ही जाति के एक अन्य व्यक्ति को सामाजिक रूप से गाली देने से मना किया था। क्यों झगडा कर रहे है, इतना कहते ही कमरुद्दीन ने अपनी जाति के व्यक्ति को छोडकर दीपक पर आक्रमण कर दिया और फिर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। काफी देर बाद दीपक को अस्पताल पहुंचाया गया। इसी तरह की एक घटना दिल्ली के मंगोलपुरी में गणपति विसर्जन के दौरान घटी। अरमान भी गणपति विसर्जन में गया था। उसके चेहरे पर गुलाल लगी थी। घटना स्थल पर मौजूद हाकिम ने बताया कि वहां मौजूद कुछ मुस्लिम युवकों ने अरमान से पूछा कि तुम कैसे मुसलमान हो। इस पर अरमान ने कहा कि न मैं मुसलमान हूं, न हिन्दू हूं। मैं सिर्फ इंसान हूं। इस पर वे युवक भडक उठे और चाकुओं से तीखे वार करते चले गये। अरमान को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घाषित कर दिया गया। इस प्रकरण में शाहरूख, सैफ सहित एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। गिरफ्तारी से पहले आरोपियों ने एक मंगोलपुरी के ओ ब्लाक में अनुराग और रवि पर भी चाकू से प्राणघातक हमले किये थे। दौनों घायलों की स्थिति खतरे में बनी हुई है। वर्तमान के घटनाक्रमों को सुखद कदापि नहीं कहा जा सकता। देश में संवैधानिक व्यवस्था के समानान्तर अनेक सक्षम लोगों व्दारा मनमाना कृत्य किया जा रहा है। कानून का डर पूरी तरह जाता रहा है। केवल निरीह लोगों पर ही नियमों की लगाम कसी जा रही है और उन्हीं के खून-पसीने की कमाई पर अफसरशाही को मोटी पगार का नजराना भेंट हो रहा है। धर्म से लेकर राजनीति तक लगाये जा रहे हैं मनमानियों के ठहाके। इन ठहाकों को यदि समय रहते रोका नहीं गया तो आने वाला समय बेहद कठिनाई भरा होगा। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।