चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार
को कहा कि गुलाम नबी आजाद का पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देना “दुर्भाग्यपूर्ण” है।
हुड्डा ने कहा कि जब कोई वरिष्ठ नेता इस प्रकार का कदम उठाता है तो इससे पार्टी के संगठन पर असर पड़ता
है।
आजाद के निर्णय के बाबत पूछे जाने पर हुड्डा ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है, मुझे सिर्फ यही कहना है।” उन्होंने
कहा, “वह (आजाद) हमेशा से कांग्रेसी रहे हैं।” आजाद और हुड्डा “23 के समूह” के प्रमुख नेताओं में से हैं और
कांग्रेस नेतृत्व के निर्णय की आलोचना करते रहे हैं।
इस समूह में आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी शामिल हैं जो ब्लॉक स्तर से लेकर कांग्रेस कार्यकारी समिति
(सीडब्ल्यूसी) स्तर तक सही तरीके से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। हुड्डा हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उन्होंने
कहा कि पार्टी आलाकमान को इस पर निर्णय लेना है कि हालिया घटनाक्रम के आलोक में आगे क्या करना उचित
होगा।
उन्होंने कहा, “मैंने हाल में कहा था कि पार्टी आलाकमान को आजाद से बात करनी चाहिए और उनकी चिंताओं को
दूर करना चाहिए।” कुछ दिन पहले ही आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश चुनाव समिति की अध्यक्षता से इस्तीफा दे
दिया था जहां कुछ महीनों में ही चुनाव होने वाले हैं। शर्मा ने कहा था कि उनका अपमान किया गया इसलिए उनके
पास और कोई चारा नहीं था।