ऋषिकेश/देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को ऋषिकेश स्थित
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे। यहां उन्होंने बाल रोग गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) का
शुभारंभ किया। अस्पताल का निरीक्षण किया और लंबे समय से मार्ग दुर्घटना में बुरी तरह घायल होकर उपचाराधीन
एसडीएम सहित अन्य मरीजों का हालचाल लिया।
श्री धामी ने कहा कि पीआईसीयू के शुभारंभ से छोटे बच्चों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। उन्होंने एम्स
ऋषिकेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में उम्मीदों का केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश के प्रति लोगो में अपेक्षाएं
और विश्वास है। उत्तराखंड राज्य के साथ ही अन्य राज्यों से आने वाले मरीजों के लिए एम्स ऋषिकेश एक वरदान
के रुप में काम करता है। अपनी सेवा के माध्यम से जनता में विश्वास जगाता है। उन्होंने डॉक्टरों को भगवान का
रूप बताया।
मुख्यमंत्री ने उधमसिंह नगर जिले के किच्छा में एम्स की सेटेलाइट शाखा की स्वीकृति हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में किच्छा एम्स हेतु केंद्र को निशुल्क जमीन
देने पर स्वीकृति बनी है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले भिन्न है। दूरदराज
इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद राज्य सरकार
इसे तीव्र गति के साथ कर रही है। उन्होंने एम्स ऋषिकेश से अन्य संस्थानों व अस्पतालों के साथ समन्वय बनाकर
लोगों की मदद एवं सेवा करने का आग्रह किया।
पीआईसीयू के शुभारंभ के बाद, श्री धामी ने क्रिटिकल केयर यूनिट में जाकर एसडीएम संगीता कनौजिया का हाल
चाल जाना एवं उनके परिजनों से मुलाकात कर ढाढस बंधाया। इस दौरान, उन्हें डॉक्टरों द्वारा अवगत करवाया गया
कि सुश्री कनौजिया की स्थिति में पहले से सुधार है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल माह में एसडीएम संगीता कनौजिया
रुड़की में वाहन दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
इसके पश्चात, मुख्यमंत्री को ऋषिकेश एम्स द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्य, जन सेवा कार्यों, एम्स में मौजूद
डॉक्टर, फैकल्टी, छात्रों एवं एडमिट मरीजों की संख्या, विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में अवगत
करवाया गया। एम्स कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि यहां आधुनिक तकनीकी के माध्यम से मरीजों
का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश में हेली सर्विस के माध्यम से दूरदराज पहाड़ों से गंभीर
मरीजों को इलाज हेतु लाया जाता है। उत्तराखंड राज्य के साथ ही, अन्य राज्य से भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज
हेतु एम्स ऋषिकेश आते हैं।
प्रो. सिंह ने कहा कि आने वाले समय में एम्स ऋषिकेश ड्रोन के माध्यम से दूरदराज पहाड़ी इलाकों में आवश्यक
दवाइयों को पहुंचाने का कार्य भी करेगा। मुख्यमंत्री श्री धामी ने एम्स ऋषिकेश को आपदा प्रबंधन विभाग के साथ
समन्वय बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि आपदाओं के दौरान एम्स ऋषिकेश अपनी अहम भूमिका निभाता
आया है, आपदा पीड़ित लोगों को जल्दी इलाज मिल सके इसके लिए राज्य सरकार एवं एम्स ऋषिकेश में आपसी
समन्वय होना जरूरी है।