नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र से आग्रह किया
कि वह दिल्ली सरकार की विशेषज्ञता का इस्तेमाल पूरे भारत में स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के
लिए करें, ताकि भारत को दुनिया में नंबर एक देश बनाया जा सके। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत
केंद्र सरकार से निशुल्क शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं को ‘‘मुफ्त की रेवड़ी’’ ना कहने का भी आग्रह किया। भाजपा
ने केजरीवाल पर सत्ता में आने के लिए लोगों को निशुल्क सेवाओं का झांसा देने का आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद लोगों को
‘‘रेवड़ी कल्चर’’ को लेकर सर्तक रहने की हिदायत दी थी और कहा था कि यह देश के विकास के लिए ‘‘बेहद घातक
है।’’ केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार
के लिए केंद्र के साथ काम करने को तैयार हैं। मैं केंद्र से अनुरोध करता हूं कि इसे मुफ्त की रेवड़ी कहना बंद
करें।’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने कहा कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बड़ी
संख्या में सरकारी स्कूल खोलने, उनमें सुधार करने, अतिथि शिक्षकों को नियमित करने, शिक्षकों को प्रशिक्षित
करने की जरूरत है। तब ही भारत एक ‘‘सम्पन्न देश’’ बन सकता है। केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह सब पांच वर्ष में हो
सकता है। हमने यह करके दिखाया है। मैं केंद्र से आग्रह करता हूं कि सरकारी स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर
बनाने के लिए हमारी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करें। सभी राज्य की सरकारें मिलकर काम कर सकती हैं।’’