नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुजरात से जमीन का एक हिस्सा तथा चार गांवों को
केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नागर हवेली तथा दमन और दीव को देने के मसले पर चर्चा की लेकिन कोई फैसला
नहीं लिया जा सका। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
प्रस्ताव के अनुसार, दक्षिणी गुजरात में वलसाड जिले के चार गांवों मेघवाल, नगर, रायमल और मधुबन तथा
सौराष्ट्र के घोघला गांव के एक हिस्से का केंद्र शासित प्रदेश में विलय किया जाएगा। इन चार गांव की पहुंच दीव
से अधिक सुगम है जबकि सौराष्ट्र में जमीन का एक हिस्सा गुजरात को 1989 में दी गयी जमीन के बदले दिया
जाना है।
गृह मंत्रालय में इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात सरकार और केंद्र
शासित प्रदेश दादरा और नागर हवेली तथा दमन और दीव के प्रशासन के प्रतिनिधियों से हाल में चर्चा की गयी
लेकिन कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। नगर, रायमल और मधुबन गांव केंद्र शासित प्रदेश के बीच स्थित हैं
जबकि मेघवाल गांव केंद्र शासित प्रदेश से घिरा हुआ है।
अभी इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है क्योंकि गुजरात सरकार ने नगर, रायमल तथा मधुबन का
केंद्र शासित प्रदेश में विलय करने के प्रस्ताव को अभी पूर्ण सहमति नहीं दी है। हालांकि, उसने मेघवल गांव को
सौंपने की सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। केंद्र शासित प्रदेश एक मत्स्यपालन बंदरगाह विकसित करने के लिए
1989 में गुजरात को दीव द्वारा सौंपी गयी जमीन के बदले में सौराष्ट्र तट पर घोघला में जमीन का एक टुकड़ा
उसे देने की मांग कर रहा है।
अधिकारी ने बताया कि अगर जमीन और ये चार गांव केंद्र शासित प्रदेश को सौंपे जाते हैं तो वहां पर्यटन बढ़ने की
संभावना है क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश के दायरे में आने के कारण वहां शराब उपलब्ध होगी जबकि गुजरात में शराब
की बिक्री पर पाबंदी है।