निर्मल कुमार
गोरखपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 28 अगस्त को गोरखपुर के दौरे पर आ रहे हैं।
गोरक्षपीठ के बुलावे पर गोरखपुर का यह उनका दूसरा दौरा है। दूसरी बार गोरखनाथ मंदिर के शैक्षिक प्रकल्प के
समारोह में शामिल होने वाले रामनाथ कोविंद को गोरक्षपीठ की धर्म, अध्यात्म, योग व शिक्षा के जरिए लोक
कल्याण की समृद्ध परंपरा का बखूबी ज्ञान है।
शायद यही वजह है कि योगमय भक्ति की शक्ति, स्वास्थ्य व शिक्षा की सेवा से प्रभावित होकर रामनाथ कोविंद ने
अपने पहले दौरे में गोरखपुर को नॉलेज सिटी बनाने का आह्वान किया था।
धर्म, योग, अध्यात्म और शिक्षा प्रसार के जरिए लोक कल्याण ही गोरक्षपीठ की परंपरा है। इसके दर्जनों शैक्षिक
प्रकल्पों की अपनी विशेष ख्याति है। 28 अगस्त को गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण कर राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद अब एक बार फिर गोरक्षपीठ के शिक्षा के जरिये सेवा की भावना को बल देंगे। महायोगी गुरु
गोरक्षनाथ उत्तर प्रदेश राज्य आयुष विश्वविद्यालय की नींव रखते वक्त अपने आह्वान को साकार होता देखेंगे।
गोरक्षपीठ के बुलावे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार 10 दिसम्बर 2018 को भी गोरखपुर आये थे। तब
उन्होंने गोरखनाथ मंदिर द्वारा संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में बतौर मुख्य
अतिथि शामिल हुए थे। राष्ट्रपति ने तब गोरखपुर को नॉलेज सिटी बनाने का आह्वान किया था।