अमिट जख्म दे गया साल 2020, निशान अमिट रहेगें?

asiakhabar.com | December 31, 2020 | 1:32 pm IST

शिशिर गुप्ता

आज हम नववर्ष 2021 में प्रवेश कर रहे है। सूरज की पहली किरण निकल चुकी है। आज नववर्ष का आगाज
हो रहा है।बीता साल 2020 अमिट जख्म दे गया।जख्म तो भर जाएंगे मगर निशान अमिट रहेगें।कोरोना ने
इतने जख्म दिए है।जख्म रिसते जा रहे है।नासूर बनते जा रहे जिंदगी ठहर गई है।कोरोना ने सबको डरा दिया
है।कोरोना का काम तमाम करना होगा।पूरी दुनिया में खौफ बना हुआ है।कोरोना ने तांडव मचा रखा है।लाखों
लोगों ने कोरोना महामारी में अपनों को खो दिया।विदेशों में कोरोना के कारण मारे गए लोगों को बतन की
मिटटी तक नसीब नहीं हुई।हालातों ने लोगों को जीवन जीना सिखा दिया।कोरोना ने तबाही मचा रखी है।
2020 में कोरोना महामारी ने कोहराम मचाया था वह अब 2021 भी बदस्तूर जारी है।बच्चे अनाथ हो
गए।माताएं विधवा हो गई।सुहाग उजड़ गए।माथे का सिंदूर मिट गया।कोरोना भस्मासूर बनता जा रहा है।दुनिया
में लाखों लोगों को निगल चुका है।लापरवाही मत करो अभी भी समय है।समय जरुर लगेगा और विश्व गुरु इस
महामारी से निकल जाएगा और अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन पटरी पर आ जाएगा।कोरोना से होने वाली तबाही
को रोकना होगा।संक्रमितों का आंकड़ा डरावना होता जा रहा है।कोरोना के क्रूर पंजों की चपेट में लोग लगातार
आते जा रहे है।जनमानस भयभीत होता जा रहा है। देश में कोरोना महामारी की रफतार तेजी से बढती जा रही
है। लाशों के अंबार लग रहे है।यह बहुत ही विनाशकारी सिद्ध हो रही है।हर रोज मौंतो का आंकड़ा बढ़ता ही जा
रहा है।कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है।बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक संक्रमित होते जा रहे है।परिवार के परिवार
संक्रमण का शिकार हो रहे है।बढ़ती मौतों का आंकडा बहुत ही भयावह तस्वीर प्रस्तूत कर रहा है।गावों में भी
अब दस्तक दे चुका है। कोरोना महामारी बुजुर्गो के लिए अभिशाप बन गई है।कोराना के कारण बुजुगों की मौते
हो रही है। कोरोना काल में बुजुर्ग चारदीवारी में कैद हो गए है। लाईलाज बीमारीयों व असाध्य रोगों से ग्रस्त हो
गए है।कोरोना ने मुसीबतें खड़ी कर दी है।बुजुर्ग आज चलने फिरने से लाचार हो गए है।कोरोना के बढ़ते मामलो
से बुजुर्ग डरे हुए है।इलाज से महरुम हो चुके है।घर की दहलीज पर ही जिंदगी बिता रहे है।उम्र का तकाजा भी
है कि कोरोना बुजुर्गो पर कहर ढा रहा है देश में परिवार के परिवार संक्रमित होते जा रहे है। देश में कोरोना
वायरस का संक्रमण का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।मार्च से शुरु हुआ कोरोना तांडव कब रुकेगा
यह एक यक्ष प्रशन बन गया है।कोरोना एक खौफनाक महामारी है जिससे सारा संसार त्रस्त हो चुका
है।जनजीवन तहस-नहस हो चुका है।कोरोना योद्धा अपना जीवन जोखिम में डालकर संक्रमितों को जीवनदान दे
रहे है।देवदूत बनकर दिन-रात अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है।तमाम राज्यों में कोरोना के मरीजों का

गा्रफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए तो फिर संभलना मुशिकल हो जाएगें
।बेकाबू हो रहे इस संक्रमण को रोकना होगा।कारोना की रफतार बढती ही जा रही है।कोरोना के मरीजों की
संख्या बड़े पैमाने पर बढती ही जा रही है।मौत के आगोश में समा सकते है।कोरोना महामारी आज विश्व के
लिए यह बहुत ही विकट समस्या बनती जा रही हैं। देश के तमाम राज्यों में कोरोना पांव पसर चुका है।कोरोना
महामारी ने जिदंगी के मायने बदल दिए है।रिश्तों का खात्मा होता जा रहा है।कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक
कोरोना का कहर तबाही मचा रहा है। कोरोना काल में अपनों व बेगानों की पहचान हो रही है।आंकड़े भयावह
होते जा रहे है।आखिर यह मंजर कब तक चलता रहेगा। कोरोना के मरीजों की संख्या बड़े पैमाने पर बढती ही
जा रही है।कोराना ने पूरे विश्व को रुला दिया है।वायरस ने लोग अपनों को खो रहे है।परिवार के परिवार तबाह
हो रहे है।इन परिवारों के साथ हमारी सहानुभूति है कि उनके अपने असमय ही काल के गाल में समा गए।
अगर लापरवाही बरती तो परिणाम भी गंभीर ही भुगतने पड़ सकते हंै। अगर यह महामारी रुक गई तो लागों
की जिंदगियां बच सकती है।कोरोना का उन्मूलन करना होगा।यह देशहित मे है।आओ इस महामारी के खिलाफ
एक जनआदोंलन का आगाज करें।कोरोना की स्थििती भयावह होती जा रही है।समय रहते ही इस भयानक हो
रही बीमारी को रोकने के लिए तैयार रहना होगा।कोरोना से जंग लड़नी होगी।हिम्मत नही। हारनी होगी।लोगों
को सोशल डिस्टैसिंग बनाना होगा। राशन की दुकानो व डिपूओं में लोग इसका पालन कर रहे है।भयावह हालातों
पर काबू पाना होगा।अगर प्रदेश वासियों ने लापरवाही बरती तो बेमौत मारे जाओगे।इलाज से परहेज अच्छा
है।आओ मिलजुल कर कोरोना के विरुद्व एक युघ्द का एलान करेंमानवता को बचाने के लिए नियमों का पालन
करें और स्वस्थ जीवन जीऐं। गांव-गांव में कोरोना को रोकने का अभियान चलाने होगें।कुछ समाजसेवी गांव में
मास्क बांट रहे है बहुत ही पुण्य का कार्य कर रहे है। दुकानो पर भी छापे मारने चाहिए कि दुकानदार दस्ताने व
मास्क लगाकर सामान दे रहे है या लापरवाही बरत रहे है।एक आदमी की जरा सी लापरवाही घातक सिद्व हो
सकती है।सर्तकता बरतनी होगी तभी इस प्रकोप से बचा जा सकता है।अगर समस्या विकराल हो गई तो
संभालना मुशिकल हो जाएगी।वक्त अभी संभलने का है ।कोराना से हर मानव को बचाव करना होगा।नियमों का
सख्ती से पालन करना होगा ताकि जीवन बच सके।कोरोना ने हर आदमी में दहशत फैला दी है।कोरोना को
हराना होगा।कोरोना के खिलाफ जागरुकता अभियान चलान होगा लोगों को जागरुक करना होगा।सरकारों व
सामाजिक संगठनों व संस्थाओं को इसमें अपनी सहभागिता निभानी होगी।लोगों को भी इसमें भागीदारी निभानी
होगी।एकजुटता से ही कोरोना पर प्रहार किया जा सकता है।कोरोना के कालचक्र से बचना होगा।कोरोना काल में
हर मानव को सावधान रहना होगा। लाॅकडाउन का संकल्प मानव जाति को बचाने का अंतिम विकल्प है।संयम
बरतेगें तो ही जीवन को बचा पाएंगे।लाॅकडाउन ही जिंदगी को बचा सकता है।कोरोना की जंग में अगर सब
एकजुट हो जाएंगे तभी इस वायरस ने निजात पाएंगें। अगर समस्या विकराल हो गई तो संभालना मुशिकल हो
जाएगी।मानवीय त्रासदी को रोकना होगा।कोरोना के संक्रमण को रोकना होगा।तबाही को पूरी तरह रोकना
होगा।जान है तो जहान है।सर्तकता बरतनी होगी तभी इस प्रकोप से बचा जा सकता है।मानवीय त्रासदी को
रोकना होगा।यह हर भारतवासी का नैतिक कर्तव्य है।2021 में कोरोना कों हराना होगा।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *