नई दिल्ली।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हेलिकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले सात वायुसेना कर्मियों के शवों को प्लास्टिक की बोरियों रखकर फिर उन्हें गत्तों में बांधकर लाए जाने की तस्वीरें सामने आने के बाद से लोगों में आक्रोश है।
इस मामले में सेना ने एक बयान जारी कहा है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लाने ले जाने में काफी दिक्कत होती है, क्योंकि हेलिकॉप्टर पूरा लोड नहीं ले जा पाते। सैनिकों के शवों को बॉडी बैग या ताबूतों की बजाय उपलब्ध स्थानीय संसाधनों में लपेटा गया था। यह असामान्य है। हालांकि, गुवाहाटी बेस हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के तुरंत बाद उनके शवों को पूरे सैनिक सम्मान के साथ लकड़ी के ताबूतों में रखा गया था। इसके बाद उनके संबंधित परिजनों को भेज दिया गया।
अधिकारियों के मुताबिक, इन सैनिकों के शवों की ये तस्वीरें उस वक्त खींची गई थीं, जब उन्हें गुवाहाटी लाया गया था। सेना ने अपने बयान में कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शवों को बॉडी बैग, लड़की के बक्से या ताबूतों में ले लाया जाए। शहीदों को हमेशा पूरा सैन्य सम्मान दिया जाता।
दरअसल, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एचएस पनाग ने इन तस्वीरों को ट्विटर पर साझा किया था। साथ ही उन्होंने लिखा था कि सैनिकों को ऐसे घर लाया गया। इसके बाद ट्विटर पर लोगों ने इस पर गहरा दुःख व्यक्त किया।
क्रिकेटर गौतम गंभीर ने ट्वीट किया- “आईएएफ क्रैश के शहीदों के शव…शर्मनाक! माफ करना ऐ दोस्त, जिस कपड़े से तुम्हारा कफन सिलना था, वो अभी किसी का बंद गला सिलने के काम आ रहा है।”