
क्या आप जानते हैं इन दिनों आईफोन सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले स्मार्टफोन्स में से एक बन गया है। इसके पीछे का कारण कहीं न कहीं इस फोन की दमदार परफॉर्मेंस और शानदार कैमरा है। लोग धड़ाधड़ इस फोन को ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीद रहे हैं लेकिन इसी बीच फोन को ऑफलाइन खरीदने पर तो सबसे ज्यादा इस बात का डर बना रहता है कि कहीं आईफोन डुप्लीकेट तो नहीं है। ऑनलाइन भी ऐसा फ्रॉड होने का डर हमेशा बना रहता है। ऐसे में अगर आप भी नया आईफोन खरीद रहे हैं या आपने हाल ही में कोई नया आईफोन खरीदा है तो आप इन 5 तरीकों से ये मिनटों में पता लगा सकते हैं कि कहीं आपका आईफोन डुप्लीकेट तो नहीं है। इन तरीकों से आप किसी बड़े फ्रॉड से बच सकते हैं। चलिए इनके बारे में जानें
सीरी खोल देगी राज
ऐसा देखा गया है कि डुप्लीकेट आईफोन में सीरी अक्सर सही से काम नहीं करती है या फिर उसका रिस्पॉन्स काफी ज्यादा खराब होता है। जबकि असली आईफोन में सीरी काफी जबरदस्त तरीके से काम करती है जिससे आप कई काम बिना फोन को टच किए करवा सकते हैं। इसे टेस्ट करने के लिए आप ‘हे सीरी, व्हाट्स द वेदर लाइक टुडे?’ जैसी चीजें सीरी से पूछकर इसे टेस्ट कर सकते हैं। अब अगर इस कंडीशन में सीरी रिस्पॉन्स नहीं देती या एक्टिव ही नहीं होती, तो हो सकता है कि आपका आईफोन डुप्लीकेट हो।
आईफोन लुकअप वेबसाइट से करें चेक
आपका आईफोन असली है या डुप्लीकेट इसे चेक करने के लिए आप एप्पल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अपने आईफोन का सीरियल नंबर डालकर भी इसे चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको गूगल पर जाकर चेक कवरेज – एप्पल लिखना होगा और पहली वेबसाइट पर जाना होगा। यहां सीरियल नंबर डालने के बाद अगर वेबसाइट कहे कि ‘इनवैलिड सीरियल नंबर’ तो समझ जाइए कुछ तो गड़बड़ है। फोन का सीरियल नंबर देखने के लिए आपको पहले डिवाइस की सेटिंग्स फिर जनरल इसके बाद अबाउट और इधर से सीरियल नंबर कॉपी कर लेना है।
ये दो ऐप भी करें चेक
कई डुप्लीकेट आईफोन में कंपास, ग्यरोस्कोप या ट्रूडेप्थ जैसे कैमरा फीचर्स काम नहीं करते हैं या फोन में ये फीचर्स देखने को ही नहीं मिलते। ऐसे में आप इसका पता लगाने के लिए एप स्टोर से ‘ग्यरोस्कोप टेस्ट’ या ‘सेंसर टेस्ट’ ऐप डाउनलोड करके इस बात का पता लगा सकते हैं।
यहां करें फोन को कनेक्ट
आईफोन डुप्लीकेट है या नहीं इसका पता लगाने के लिए आप आईफोन को कंप्यूटर से कनेक्ट करके भी चेक कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने फोन को आईट्यून्स/फाइंडर से कनेक्ट करके देखें। अब अगर डिवाइस आईट्यून्स या फाइंडर में डिटेक्ट नहीं हो रहा है, तो ये फोन डुप्लीकेट भी हो सकता है क्योंकि असली आईफोन मिनटों में सिंक हो जाता है।
‘मेजर’ ऐप से करें टेस्ट
इसके अलावा आप ‘मेजर’ ऐप की मदद से भी ये जान सकते हैं कि कहीं आपका आईफोन नकली तो नहीं है। एप्पल का यह एआर ऐप सिर्फ असली आईफोन में ही सही ढंग से काम करता है। ऐसे में अगर ऐप चलता ही नहीं या आईफोन में पहले से इंस्टॉल नहीं है, तो आईफोन डुप्लीकेट हो सकता है।