पश्चिमी घाट में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित माथेरान हिल स्टेशन दुनिया में उन गिनी-चुनी जगहों में से एक है जहां किसी भी किस्म के मोटर वाहन के जाने पर पूरी तरह पाबंदी है। माथेरान भारत का सबसे छोटा हिल स्टेशन भी माना जाता है। वाहनों का अभाव इसे बेहद शांत बना देता है और यही बाकी जगहों की तुलना में इसे थोड़ा खास बना देता है। कल्पना कीजिए ऐसी जगह की जहां कोई कार-स्कूटर-बस न हो। मानो आप थोड़ा अतीत में चले गए हों, जहां केवल घोड़े-खच्चर हों और हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शा। दस्तूरी नाका से आगे वाहनों के जाने पर पाबंदी है। माथेरान में बंदरों की खासी आबादी है और औषधीय वनस्पतियां भी खूब हैं। माथेरान में 28 व्यू प्वाइंट, दो झीलें, दो पार्क हैं। सारे व्यू प्वाइंट का मजा लेने के लिए दो-तीन का समय लग जाता है।
कैसे पहुंचे: माथेरान मुंबई से सौ किलोमीटर और पुणे से 120 किलोमीटर दूर है। यही दोनों सबसे पास के हवाई अड्डे हैं। पुणे-मुंबई रेल लाइन पर नेरल स्टेशन से माथेरान के लिए छोटी लाइन की गाड़ी चलती है। 2007 में इस गाड़ी ने सौ साल पूरे कर लिए।
कहां ठहरें: माथेरान में चूंकि मुंबई व पुणे से सैलानियों की आवक बहुत ज्यादा है, इसलिए वहां बड़ी संख्या में हर बजट के अनुकूल रिजॉर्ट, होटल व कॉटेज हैं।
कब जाएं: जून से अगस्त तक का समय छोड़कर माथेरान साल में कभी जाया जा सकता है। अप्रैल-मई में वहां की ठंडी आबो-हवा का मजा लिया जा सकता है तो मानसून के बाद के समय में वहां की हरियाली का। तब वहां के सारे झरने व झीलें भी लबालब हो जाते हैं।