संस्कृति और इतिहास का बेजोड़ संगम है बिहार

asiakhabar.com | April 27, 2023 | 6:26 pm IST
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बिहार में आपको बहपत सारे टूरिस्ट अटरैक्शन मिलेंगे जिन्हें देखने पूरे देशभर के लोग जाते हैं। लगभग 6 मिलीयन टूरिस्ट हर साल यहां आते हैं। सबसे पहला विश्वविद्यालय बिहार में ही बना था। बिहार का नाम ‘विहारा’ से पड़ा था, जिसका मतलब मोनास्ट्री होता है। गंगा नदी के साथ-साथ यहां आपको गंडक और कोशी भी देखने को मिलेंगे। बिहार में आपको हर धर्म के लोग मिलेंगे। यह एक ऐसा राज्य है जिसने दुनिया को दो धर्म दिए- बौद्ध धर्म और जैन धर्म।
कंवर लेक बर्ड सेन्चुरी, बेगुसराय
कंवरलेक, इंडिया का सबसे बड़ा फ्रशवाटर लेक है। यहां पक्षियों कि लगभग 60 प्रजातियां हैं। आम पब्लिक और सरकार इसे दिन-प्रतिदिन नजरअंदाज कर रहे हैं जिसके कारण यह अपनी खूबसूरती खोते जा रहा है।
विश्वशांति स्तूप, राजगीर
विश्वशांति स्तूप बिहार का एक बहुत ही नामी ऐतिहासिक जगह है। इंडिया में 7 शांति पगोडा है जिसमें से विश्वशांति स्तूप एक है। 1969 में इस पगोडा का निर्माण हुआ था, जिसका मुख्य कारण लोगों के बीच शांति और अहिंसा फैलाना था।
गया
1865 में गया की स्थापना की गई थी और इसे एक आजाद जिला का औदा दिया गया था। गया हिंदू धर्म का हब है और बौद्ध का भी तीर्थस्थल है। यह माना जाता है कि यहां एक पेड़ है जिसके नीचे बैठकर बुद्ध ज्ञान प्राप्त करते थे। गया एक बहुत ही भीड़-भाड़ वाला जगह है जो फालगु नदी के किनारे बसा हुआ है।
जलमंदिर, पावापुर
यह एक जैन तीर्थ स्थल है, जो बिहार के पावापुरी में स्थित है। यह मंदिर लेक के बिल्कुल बीचों-बीच है और यह कमल के फूलों से भरा हुआ है। यह माना जाता है कि इस मंदिर को नंदीवरधान ने बनवाया है, जो महावीर के बड़े भाई थे। यह मंदिर विमाना के आकार में बनवाया गया है।
मुछालिंदा लेक
यह माना जाता है कि एक बहुत बड़े से तूफान के समय शेश नाग ने बुद्ध भगवान को बचाया था, उस समय इस लेक का यह नाम रखा गया था। मुछालिंदा बढ़ती लहरों से और अपनी सेवाओं के सम्मान में बुद्ध की रक्षा की थी। यहां आपको एक ऐसी मूर्ति भी देखने को मिलेगी जिससे आपको सबकुछ समझ आ जाएगा।


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