पशुपतिनाथ मंदिर-नेपाल की धरोहर

asiakhabar.com | March 3, 2022 | 3:12 pm IST

भगवान शिव के अनेकोनाम है और पशुपतिनाथ उनमे से एक है। पशुपतिनाथ मतलब है संसार के सभी प्राणियों के
नाथ। नेपाल का पशुपति नाथ मंदिर इतना प्रसिद्द है की शायद की कोई होगा जो नेपाल जा कर ये मंदिर बिना
देखे वापस आ जाये। पशुपति नाथ का यह शानदार मंदिर काठमांडू से बस 5 किमी की दूरी पर बागमती नदी के
किनारे स्थित है। नेपाल में बसे शिव के सभी मंदिरों में पशुपतिनाथ मंदिर सबसे अधिक महत्ता रखता है।
पशुपतिनाथ मंदिर के उत्पत्ति को लेकर कई कहानियां हैं, जिनमें से यह है कि भगवान शिव एक ज्योतिर्लिंग के रूप
में इसी धरती पर मौजूद थे पर किसी को इसका पता नहीं था क्योंकि वो जगह घास से ढकी हुई थी। लेकिन एक
गाय रोज़ इस जगह पर दूध चढ़ा कर जाती थी। एक दिनजब ग्वाले ने देखा कि गाय ने दूध देना बंद कर दिया है
तो उसने इसका पता लगाना चाहा। और फिर जब ग्वाले ने उस जगह को खोदा तो वहां से शिवलिंग निकला। फिर
सभी ग्वालों ने मिलकर उस शिवलिंग की पूजा करनी शुरू कर दी और धीरे धीरे पशुपतिनाथ का यह मंदिर सभी के
लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन गया। तो क्या आप नेपाल जाकर इस रहस्यमय शिवलिंग के दर्शन कर खुद को
धन्य नहीं करना चाहेंगे?
सदियों से नेपाल में शासन कर रहे राजाओं ने इस मंदिर को खूबसूरत बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। मंदिर
का वर्तमान आर्किटेक्चर रानी गंगादेवी की देनहै। पशुपतिनाथ का यह खूबसूरत मंदिर एक खुले मैदान के बीच में
खड़ा हुआ है। चैकोर आकार वाला यह मंदिर एक प्लेटफार्म के ऊपर है जिसकी ऊंचाई ज़मीन से लगभग 23।6
मीटर है। मंदिर के चारों ओर बने सोने के दरवाज़े मंदिर की शोभा में चार चांद लगा देते हैं। मंदिर के अन्दर बने
संकरे रास्ते के द्वारा शिवलिंग को करीब से देख जा सकता है। मंदिर के हर दरवाज़े के दोनों तरफ़ अप्सरा, अष्ट
भैरव और अन्य देवी देवताओं के सुनहरे चित्र बने हुए हैं।
मंदिर के गर्भगृह में 3 फीट ऊंचा शिवलिंग है जिसमे चार मुख बने हुए हैं। यह सभी मुख कुछ न कुछ महत्व लिए
हुए हैं और इनके नाम भी अलग अलग हैं। पूर्व दिशा की ओर मुख को तत्पुरुषा और दक्षिण को अघोरा नाम दिया
गया है। इसी तरह, उत्तर और पश्चिम दिशा वाले मुखों को क्रमशः वामदेव और साध्योजटा के नाम से जाना जाता
है। लिंग के ऊपर का भाग इशान कहलाता है। इन मुखों को चार धर्मों और हिन्दू धर्म के चार वेदों के चिन्हों के
रूप में वर्णित किया जाता है। विष्णु, सूर्य, देवी और गणेश की छवियों को भी मंदिर के गर्भगृह में साथ में रखा
गया है।

पशुपति क्षेत्र को हिंदू धर्म मानने वालों के लिए तीर्थ के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक माना जाता है। देश के
अन्दर और बाहर से हजारों श्रद्धालु हर दिन पशुपतिनाथ को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आते हैं। और
एकादशी, संक्रांति, महाशिवरात्रि, अक्षय तृतीय, रक्षाबंधन, ग्रहण, औरपूर्णिमा जैसे विशेष अवसरों पर लोगों इस मंदिर
में अधिक से अधिक संख्या में दर्शन करने आते हैं।
हिमालय की गोद में बसे नेपाल में आपको धर्म और रोमांच का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। गौतम बुद्ध का
जन्म-स्थान लुम्बिनी भी नेपाल में ही स्थित है, जो विश्व विरासत में शामिल है। नेपाल में स्वयंभूनाथ बौद्ध धर्म
के स्थल के रूप में विख्यात है। मुक्तिनाथ भी नेपाल का प्रमुख धार्मिक स्थल है। माना जाता है कि एक बार इस
मंदिर में जाने से सभी प्रकार के शोक से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा माउंट एवेरेस्ट, पोखरा और नागरकोट
भी नेपाल के प्रसिद्द पर्यटन स्थलों में शुमार हैं। सावन के इस महीने में पशुपति नाथ के दर्शन कर आप भी खुद
को बहुत ही सौभाग्यशाली महसूस करेंगे। मेकमायट्रिप, नेपाल के लिए फ्लाइट और होटल बुक कराने में आपकी
मदद करेगा।


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