कर्नाटक की छोटी जन्नत है मदिकेरी

asiakhabar.com | June 20, 2023 | 6:15 pm IST

मदिकेरी को लोग कॉफ और मसालों के लिए ज्यादा जानते हैं। लेकिन अगर आप इस जगह को एक बार देख लेंगे, तो अपनी पलकें तक झपकाना भूल जाएंगे। कर्नाटक की इस बेपनाह खूबसूरत जगह के बारे में बात करते हैं यहां…
कर्नाटक में मैंगलोर से तीन घंटे की ड्राइव आपको कुर्ग के पास बसे एक छोटी व अलौकिक खूबसूरती से भरी जगह लेकर जाएगी। यह जगह साउथ की सबसे लुभावने हिल स्टेशन के नाम है, जिसका नाम है मदिकेरी। अपनी इसी खासियत के चलते इस जगह को इंडिया का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है। वैसे, इस जगह को कॉफी और मसालों की खेती के लिए भी जाना जाता है, तो इंडियन आर्मी के कई बड़े अफसर व जांबाज सिपाही इस जगह की देन हैं।
सुहाना मौसम हसीं नजारे:- वैसे, इस जगह के मोहपाश में बंधने से पहले आपको इसका रास्ता भी कम पसंद नहीं आएगा। कुर्ग में घुसने से पहले आप कुछ देर सुलैया जरूर रुकें। यहां के सांबर-वड़े और फिल्टर कॉफी का स्वाद आपको लंबे समय तक याद रहेगा। स्वाद के अलावा, सफेद धोती पहले कुक को कॉफी और दूध को दो गिलासों की मदद से मिक्स करते देखना भी कम दिलचस्प नहीं होगा। वैसे, कॉफी और चाय सर्व करने का यह यहां का ट्रडिशनल तरीका है। इस सीजन तो यहां का मौसम सुहावना होगा ही, लेकिन गर्मियों में भी यहां की सैर मजेदार रहेगी। दरअसल, समुद्र तल से 1166 मीटर की ऊंचाई पर बसा मदिकेरी हर मौसम में सुहाने मूड में झूमता ही रहता है। यहां के नजारे तो आपको इतना बांध लेंगे कि आप अपनी पलकें तक झपकाना भूल जाएंगे और कॉफी प्लांटेशन के साथ पीछे से नजर आतीं पहाड़ियों को ही देखते रह जाएंगे।
इंजॉय करें कल्चर:- यहां के माहौल का असली मजा लेना हो, तो शाम के समय टाउन मॉल पर जरूर जाएं। यहां आपको लोकल क्राउड देखने को मिलेगा, जिसके जरिए आप यहां का कल्चर गहराई से महसूस कर सकते हैं। यहां ठहरने का प्लान है, तो किसी कॉफी एस्टेट में स्टे के बारे में सोचें। यहां का शांत स्टे तब रोमांच में बदल जाता है, जब रात के सन्नाटे में दूर से जानवरों की आवाजें आती हैं। वैसे, इन शानदार बंगलों में आप कैंप फायर वगैरह का खूब मजा ले सकते हैं। यहां की खूबसूरती को बेहद करीब से देखना चाहते हैं, तो सर्दियों में यहां का टूर लगाएं। सुबह-सुबह खिड़की से तैरकर कमरे आती धुंध आपको नींद से जगाएगी, तो पक्षियों की चहचहाहट आपको ऐसे लगेगी, मानो वे आपसे दुनिया भर की बातें करने के लिए आतुर हैं!
ऐसे करें घूमने की शुरुआत:- सुबह का बढ़िया नाश्ता खाकर आप बाहर के नजारे देखें, तो लंच के बाद एबी फॉल्स देखने के लिए निकल जाएं। 50 फीट की ऊंचाई से गिरते पानी में सराबोर होना आपको बचपन की कई यादें ताजा करवा देगा और दिमाग को सुकून देने वाला भी रहेगा। वैसे, कुछ जगहों पर जहां पानी कावेरी नदी में पानी मिलता है, वहां आप बढ़िया स्विमिंग का मजा भी ले सकते हैं।
वाइल्ड अडवेंचर:- वैसे, यह जगह ट्रेकिंग के लिए भी मुफीद है। दरअसल, इस एरिया का लगभग 33 प्रतिशत हिस्सा जंगल से घिरा है। हरंगी, हेमावती, बारपोल, लक्ष्मणतीर्थ और कुमारधारा जैसी तमाम छोटी नदियां छोटी-बड़ी पहाड़ियों से गुजरती हुई अपलक देखने वाले नजारे बनाती हैं, वहीं देश की 8 प्रतिशत फूलों की वैराइटी इसी एरिया में मिलती है। वैसे, यह भी सच है कि इन राहों से गुजरते हुए आपका सामना अचानक ही जंगली जानवरों से भी हो सकता है! जंगली भालू, सांबर, चार सींगों वाले हिरन, स्पॉट वाले हिरन, लियॉपर्ड कैट, तमाम तरह के पक्षी और रेंगने वाले जंतु इनमें खास हैं।
यहां से महज 80 किलोमीटर की दूरी पर नागरहोल वाइल्डलाइफ सेंचुरी है, जहां फ्लोरा और फॉना की खासी वैराइटी देखी जा सकती है। वैसे, यहां कुदरत के लुभावने नजारों की भी कमी नहीं है। अगर आप यहां जाने के मूड में हैं, तो सुबह जल्दी पहुंचकर शाम को समय रहते वापस हो लें। दरअसल, अंधेरा होने के साथ ही गार्ड्स यहां का हाईवे सील कर देते हैं। अगर आप वहां किसी रिजॉर्ट में रुकना चाहते हैं, तो बात अलग है। नागरहोल के अलावा तालकावेरी, पुष्पागिरि और ब्रह्मागिरी की छोटी लेकिन पक्षियों व जानवरों से भरी सेंचुरियां भी देख सकते हैं। ये सभी मदिकेरी से 75 किलोमीटर की रेंज में हैं।
क्या देखें:
ओंकरेश्वर टेंपल:- इसे 1820 में लिंगराजेन्द 2 ने बनवाया था। इस मंदिर में आपको कैथलिक, केरल, गोथिक और इस्लाम के आकिर्टेक्चर की छटा देखने को मिलेगी।
मदिकेरी किला:- पूरे शहर पर इस किले की छाप नजर आती है। इसके अंदर मडिकेरी महल बना है, जिसे लिंगराजेन्दा वोडेयार 2 ने बनवाया था। किले के अंदर स्थित वीरभद्र मंदिर को अंग्रेजों ने तुड़वा दिया था और इसकी जगह एंजलियन चर्च खड़ी की गई थी। फिलहाल इस चर्च की जगह एक म्यूजियम खड़ा है। वैसे, इस जगह को अंग्रेजों ने दो बार बनवाया था और 1933 में यहां क्लॉक टॉवर और पोर्टिको बनाया गया था।
राजा की सीट:- यहां से राजा सूरज को उगते व डूबते देखा करते थे और इस पॉइंट को साउथ का बेस्ट व्यू पॉइंट माना जाता है। यहां से ऊंचे पहाड़, हरी-भरी वादियां, चावल के खेत, वगैरह के जबर्दस्त नजारे दिखते हैं। वैसे, यहां से मैंगलोर की सड़क का नजारा वैली में घुमावदार रिबन की तरह सबसे अद्भुत दिखता है।
राजा का मकबरा:- यह इस क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण जगह है। ये शाही मकबरे शहर का जबर्दस्त नजारा पेश करते हैं और कहीं न कहीं इस्लाम के आर्किटेक्चर से इंस्पायर्ड हैं।
कब जाएं:- अक्टूबर से अप्रैल के बीच का टाइम यहां जाने के लिए बेस्ट है। इस दौरान आप बेहतरीन मौसम में जमकर घुमक्कड़ी और दूसरी एक्टिविटीज इंजॉय कर सकते हैं।


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