लंदन। हम पग-पग पर गूगल की मदद लेते हैं। कुछ ऑनलाइन सर्च करना हो, या ईमेल भेजना। यही कारण है कि गूगल को आपकी – हमारी हर हरकत, हर राज के बारे में पता है।
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल को अपने हर यूजर की पूरी-पूरी जानकारी है। यह सर्च इंजन कंपनी व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ऐसा करती है। यूजर को सर्फिंग के दौरान दिखाई देने वाले विज्ञापन इसी आधार पर तय होते हैं। यह कंपनी की फायनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा है।
गूगल अपने यूजर्स के सर्च, वॉइस सर्च, लोकेशन चेंज तक का रिकॉर्ड रखता है। हालांकि इससे किसी तरह के सायबर क्राइम की आशंका नहीं होती है।
वॉइस सर्च में यूजर जो भी बोलता है, वो गूगल पर लगातार रिकॉर्ड होता रहता है। एक यूजर के रूप में आप ब्राउज करते हुए ऐसी हर रिकॉर्डिंग सुन सकते हैं। गूगल का कहना है कि वह अपनी भाषा संबंधी सेवाओं में सुधार के लिए ऐसा करती है।
जानकारों के मुताबिक, आधुनिक तकनीक का फायदा उठाने के लिए हमें अपनी प्रायवेसी से समझौता करना पड़ रहा है। गूगल मैप्स से हमारी यात्रा आसान होती है।
यदि आप चाहते हैं कि गूगल हर वक्त आपकी लोकेशन ट्रैक न कर पाए तो आप इससे बच भी सकते हैं। अपनी डिवाइस की सेटिंग्स में जाकर लोकेशन ऑप्शन को ऑफ किया जा सकता है।
यूं डिलीट करें अपना वॉइस तथा वेब रिकॉर्ड्स को
गूगल के माय एक्टिविट हिस्ट्री पेज पर जाएं। वहां आपको रिकॉर्डिंग्स की लंबी लिस्ट मिलेगी। यहां से आप स्पेशलिटी ऑडियो पेज पर जा सकते हैं। वहां आपकी दी गई सभी वॉइस कमांड मिलेगी। इन फाइलों को डिलीट कर दें। वॉइस तथा वेब रिकॉर्डिंग्स रोकने का यही एक तरीका है। गूगल ने ऑडियो एक्सेसिंग फीचर की शुरुआत जून 2015 में की थी।