11वीं में पढ़ने वाली मनु ने एक दिन में जीते दो गोल्ड, भारत शीर्ष पर

asiakhabar.com | March 6, 2018 | 4:57 pm IST

गुवादालाजरा (मैक्सिको)। 11वीं में पढ़ने वाली 16 साल की बच्ची मनु भाकर ने विश्व कप निशानेबाजी स्पर्धा में एक दिन में दो स्वर्ण पदक जीतते हुए दुनियाभर में तिरंगा लहरा दिया। इस उपलब्धि के कारण भारत आईएसएसएफ विश्व कप की अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंच गया।

हरियाणा के झज्जर में गोरिया गांव की रहने वाली भाकर ने देर रात मिक्स्ड टीम इवेंट में ओम प्रकाश मिथरवाल के साथ सोने पर निशाना साधा।

इससे पहले महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में सर्वाधिक 237.5 का स्कोर कर पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने स्वर्ण के लिए दावेदार दो बार की विश्व चैंपियन मेजबान देश की एलेजांद्रा जवाला को हराया।

मनु ने विपक्षी खिलाड़ी को 24 शॉट के फाइनल राउंड के आखिरी शॉट में 10.8 के स्कोर से हराया। जवाला (237.1 अंक) को रजत और फ्रांस की सेलिन गोबरविले (217.0 अंक) को कांस्य पदक प्राप्त हुआ।

मनु ने अक्टूबर में ब्यूनस आयर्स में होने वाले 2018 युवा ओलिंपिक खेलों के लिए भी कोटा हासिल किया है।

पदक तालिका में भारत शीर्ष पर : भारत की यशस्वी सिंह देसवाल फाइनल में पदक से चूक गईं और चौथे स्थान पर रहीं। उन्होंने 196.1 का स्कोर किया। चैंपियनशिप के दूसरे दिन की समाप्ति तक भारत पदक तालिका में 2 स्वर्ण तथा 3 कांस्य के साथ कुल पांच पदक लेकर शीर्ष पर पहुंच गया है। अभी तक किसी अन्य टीम ने एक से अधिक पदक नहीं जीता है।

आंख में चोट लगने पर मां ने छुड़वा दी थी मुक्केबाजी : इससे पहले मनु पिछले साल दिसंबर में जापान में हुई एशियन चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल में रजत जीतकर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं। पिछले साल उन्होंने दो राष्ट्रीय कीर्तिमान अपने नाम किए।

हैरानी की बात है कि वे मुक्केबाजी किया करती थीं और सिर्फ दो साल से ही हाथों में दास्ताने उतारकर पिस्टल थामी है। एक चर्चा में मनु ने बताया था कि उन्हें अपने विरोधियों को पीटना अच्छा लगता था। इसलिए वे मुक्केबाजी और मणिपुरी मार्शल आर्ट थांग-टा का प्रशिक्षण लेती थीं। एक बार मुक्केबाजी करते हुए आंख में चोट लग गई थी। इसके बाद मां ने मुक्केबाजी खेलने से मना कर दिया।

कभी गन लाइसेंस के लिए लगाना पड़े थे चक्कर : पिछले साल जकार्ता में यूथ एशियन गेम्स के लिए मनु का चयन भारतीय टीम में हुआ था। तब मनु को हरियाणा में गन लाइसेंस लेने के लिए परेशान होना पड़ा था। झज्जर की तात्कालीन डीसी आमना तस्नीम ने तब बताया था कि मनु ने फॉर्म गलत भरा था, जिससे दिक्कत हुई। मामला मीडिया में आने के बाद मनु से नया फॉर्म भरवाकर उन्हें लाइसेंस जारी किया गया था।


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