कोबे (जापान)। भारत के सचिन सर्जेराव खिलाड़ी ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पुरूषों के शॉटपुट एफ46 वर्ग में एशियाई रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता और भारत ने टूर्नामेंट में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी कर दिखाया है।
भारत के अब पांच स्वर्ण समेत 11 पदक है। इससे पहले भारत ने 2023 में पेरिस में तीन स्वर्ण समेत दस पदक जीते थे।
सचिन ने 10.30 मीटर का थ्रो फेंककर 16.21 मीटर का अपना ही रिकॉर्ड बेहतर किया जो उन्होंने पिछले साल पेरिस में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में बनाया था।
पैरा एथलेटिक्स स्पर्धाओं में F46 श्रेणी उन लोगों के लिए है जिनकी एक या दोनों भुजाओं की गतिविधि मामूली रूप से प्रभावित है या जिनके हाथ-पैर नहीं हैं। इन एथलीटों को कूल्हों और पैरों की ताकत से थ्रो करना होता है।
महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले सचिन स्कूली दिनों में एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे जिससे उन्होंने कोहनी की मांसपेशियां गंवा दी। कई सर्जरी के बावजूद वह ठीक नहीं हो सके।
सचिन ने स्वर्ण जीतने के बाद कहा, ‘‘मैं इसकी ही उम्मीद कर रहा था और मैं बहुत खुश हूं। मैं पेरिस पैरालम्पिक के लिये क्वालीफाई कर चुका हूं और वहां भी स्वर्ण जीतने की कोशिश करूंगा।’’
अभी टूर्नामेंट के तीन दिन बाकी है और कोच सत्यनारायण को पदक संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें दो और स्वर्ण की उम्मीद है। पदकों की संख्या 17 तक जानी चाहिये।’’
इससे पहले कल पैरालम्पिक चैम्पियन सुमित अंतिल ने एफ64 भालाफेंक में अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखा था। थंगावेलु मरियप्पन और एकता भयान ने भी स्वर्ण पदक जीते थे।