मल्टीमीडिया डेस्क। वेस्टइंडीज की वैश्विक क्रिकेट में लंबे समय तक बादशाहत रही। इसके बाद उसके क्रिकेट का पतन हुआ, लेकिन ठीक दो साल पहले कैरेबियाई क्रिकेट ने ऐसा मुकाम हासिल किया जो इससे पहले कोई भी देश नहीं कर पाया था। वेस्टइंडीज ने तूफानी क्रिकेट में सभी को पछाड़ते हुए एक दिन में दो टी20 विश्व कप खिताब अपने नाम किए।
कोलकाता का ऐतिहासिक ईडन गार्डंस मैदान कैरेबियाई टीम की इस ऐतिहासिक सफलता का साक्षी बना। भारत में हुए 2016 टी20 विश्व कप में वेस्टइंडीज पुरुष और महिला दोनों वर्गों में चैंपियन बना।
पुरुष वर्ग में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच हुआ फाइनल तो फैंस दशकों तक याद रखेंगे। अंतिम समय तक ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड खिताब जीत लेगा, लेकिन कार्लोस ब्रैथवेट ने अंतिम ओवर में चमत्कारिक प्रदर्शन कर कैरेबियाई टीम को दूसरी बार टी20 चैंपियन बनवा दिया।
वेस्टइंडीज को जीत के लिए 6 गेंदों में 19 रन चाहिए थे और ब्रैथवेट ने कमाल की बल्लेबाजी कर बेन स्टोक्स द्वारा डाले गए अंतिम ओवर की शुरुआती चार गेंदों पर चार छक्के लगाते हुए अपनी टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। मार्लोन सैमुअल्स ने नाबाद 85 रन (9 चौके और 2 छक्के) बनाते हुए अपनी टीम के दूसरे खिताब में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। सैमुअल्स ने इसी प्रकार 2012 टी20 विश्व कप के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ अपनी बल्लेबाजी के दम पर इंडीज को पहली बार चैंपियन बनाया था।
कैरेबियाई क्रिकेट के लिए यह दिन दोहरी सफलता वाला साबित हुआ क्योंकि इसके कुछ घंटों पहले ही उनकी महिला टीम ने ऑस्ट्रेलिया पर अप्रत्याशित जीत दर्ज कर पहली बार टी20 विश्व कप अपने नाम किया था। हिली मैथ्यूज (66) और स्टेफनी टेलर (59) के अर्द्धशतकों से वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से रौंदते हुए पहली बार विश्व कप जीता।
वैसे वेस्टइंडीज पुरुष टीम (अब विंडीज) के लिए इस खिताबी जीत के बाद समय ज्यादा अच्छा नहीं रहा और वह अब तक खेले गए 18 टी20 मैचों में से मात्र 7 जीत पाया जबकि 9 में उसे हार मिली। दो मैच बेनतीजा रहे। इस तरह उसकी सफलता का प्रतिशत मात्र 38.89 रहा है।