कोलंबो। हार्दिक पंड्या कहते हैं कि कई कौशल रखने वाले क्रिकेटर के तौर पर उनका कार्यभार एक विशेषज्ञ बल्लेबाज या गेंदबाज की तुलना में दोगुना या कभी कभार तिगुना भी हो जाता है तो उनकी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। भारतीय टीम यहां एशिया कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ बारिश से प्रभावित शुरुआती मैच में 266 रन पर सिमट गयी थी जिसमें पंड्या ने 87 रन का योगदान दिया था।
हार्दिक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका पीठ के निचले हिस्से का ‘स्ट्रेस फ्रेक्चर’ करियर के लिए खतरा बन गया था और जिसके कारण वह काफी समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर रहे थे। बड़ौदा के इस खिलाड़ी ने राष्ट्रीय टी20 कप्तानी सौंपे जाने के बाद काफी सुधार किया है और वह फिर से काफी रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे हैं।
पंड्या ने ‘स्टार स्पोर्टस’ से कहा, ”बतौर आलराउंडर मेरा कार्यभार किसी अन्य की तुलना में दोगुना या तिगुना है। जब टीम का एक बल्लेबाज क्रीज पर जाकर अपनी बल्लेबाजी खत्म करके आता है तो उसका काम खत्म हो गया होता है। लेकिन मैं फिर भी उसके बाद गेंदबाजी करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ”इसलिये मेरे लिए सारा प्रबंधन और सबकुछ सत्र के दौरान या मेरी ट्रेनिंग या सत्र पूर्व शिविर के दौरान होता है।’’
वनडे टीम के उप कप्तान ने कहा कि वह मैच की परिस्थितियों को देखकर ही फैसला करते हैं कि वह अपने कोटे के 10 ओवर फेंकेंगे या नहीं। उन्होंने कहा, ”जब मैच शुरू होता है तो यह टीम की जरूरत पर निर्भर होता है कि मेरे लिये कितने ओवर जरूरी होंगे। क्योंकि अगर 10 ओवर की जरूरत नहीं हे तो 10 ओवर डालने का कोई फायदा नहीं है। लेकिन अगर जरूरत है तो मैं 10 ओवर गेंदबाजी करूंगा।’’
हार्दिक ने कहा, ”मेरा हमेशा ही मानना रहा है कि मैं खुद को सफल होने का मौका देता हूं, जो खेल को देखने से होता है।’’ उन्होंने कहा, ”मैंने महसूस किया है कि भले ही कुछ भी हो, आपको खुद का समर्थन करना चाहिए, आपको भरोसा करना चाहिए कि आप दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हो। यह आपकी सफलता की गारंटी नहीं है लेकिन यह आपको सफल होने की ओर बढ़ाता है इसलिये अपना समर्थन करो।’’